महम सामूहिक दुष्कर्म मामले में नया मोड़- पिता के कहने पर लगाया गैंगरेप का आरोप

5/24/2017 12:05:00 PM

रोहतक (देवेंद्र दांगी):महम में 13 साल की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म की कहानी में एक नया मोड़ आ गया है। जांच में जुटी पुलिस के सामने चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि लड़की के साथ सामूहिक दुष्कर्म हुआ ही नहीं। न ही उसे किसी ने बंधक बनाया और न ही जबरदस्ती शराब पिलाने या जान से मारने की धमकी जैसी कोई बात हुई। बावजूद इसके किशोरी के पिता ने अपनी बेटी पर दबाव डालकर उसके अपहरण व गैंगरेप की कहानी सुनाकर पुलिस को गुमराह किया। इस कहानी के पीछे उसका मकसद क्या था?, पुलिस अब इसका पता लगाने में मशगूल है। संभव है कि पुलिस को गुमराह करने के आरोप में उसके खिलाफ पोक्सो एक्ट में दर्ज प्रोविजन के मुताबिक कार्रवाई अमल में लाई जाए। अगर, ऐसा होता है तो यह मामला कानून का मिसयूज करने वालों को सबक सिखाने की दिशा में एक नजीर के तौर पर देखा जाएगा। 

सिक्योरिटी गार्ड मनीष के साथ गई थी लड़की
रोहतक: मनीष खुद भी महम का रहने वाला है, जिसे डिटेन कर लिया है। वह काफी समय से इस लड़की के संपर्क में था। फिलहाल वह गुरुग्राम में बतौर सिक्योरिटी गार्ड एक कंपनी में जॉब करता है। प्रारंभिक पूछताछ में हालांकि, मनीष ने भी पुलिस को गुमराह करने के भरसक प्रयास किए, लेकिन बाद में हकीकत सामने आ ही गई। इंवैस्टीगेशन के दौरान पता लगा कि लड़की और उसके बीच मोबाइल के जरिये संपर्क होता रहा है। यह भी पता लगा कि मनीष ने लड़की से संबंध बनाए। इस सूरत में मनीष के खिलाफ पोक्सो एक्ट में कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है, क्योंकि बेशक मर्जी से सब हुआ हो, लेकिन लड़की नाबालिग है। 

काऊंसिलिंग के बाद लड़की ने किया खुलासा
18 मई को केस दर्ज कर रात में ही लड़की का मैडिकल करवाने के बाद अगले दिन डी.एस.पी. पुष्पा खत्री के निर्देशानुसार इस लड़की के सी.आर.पी.सी. 164 के बयान अंकित कराए थे। इन बयानों में लड़की ने अपने साथ सामूहिक दुष्कर्म की बात कही जरूर, लेकिन उसके ब्यान अपने पिता की ओर से दर्ज कराई गई एफ.आई.आर. को कंट्राडिक्ट कर रहे थे। सबसे बड़ा कंट्राडिक्शन तो इसी बात पर था कि लड़की के बाप की ओर से दर्ज एफ.आई.आर. में 15-16 मई की दरम्यानी रात में बेटी से गैंगरेप बताया था जबकि लड़की ने जज के सामने इस घटना की तारीख बताई 11 अप्रैल बताई थी। दूसरी ओर, लड़की का दिल्ली में रहने वाला भाई भी लगातार पुलिस को गुमराह कर रहा था। 

यहां तक कि पुलिस के बुलाए जाने पर वह थाने में आने के बजाय लोकेशन के बारे में भी पुलिस को गुमराह करता रहा। ऐसे में गैंगरेप के इस केस में कई सवाल खड़े हो गए थे। इन हालात के बीच डी.एस.पी. खत्री की देखरेख में महिला थाना पुलिस ने लीगल काउंसलर से इस लड़की की काउंसलिंग कराई तो चौंकाने वाली सूचनाएं मिली। इसके बाद लड़की के दोबारा से 164 के बयान कराए गए, जिसमें उसने अपनी स्टेटमैंट फिर से चेंज करते हुए कहा कि उसका कोई गैंग रेप नहीं हुआ। वह 11 अप्रैल को अपने दोस्त मनीष के साथ गई थी और वे दोनों रातभर झोंपड़ी में साथ रहे थे। सुबह होने पर वापस अपने घर लौट आई। गैंगरेप का बयान उसके पिता ने दिलवाया था।