JJP वालों की ऐसी पोल खोलूंगा, जनता सब जान जाएगी: अभय चौटाला

1/16/2021 10:41:04 AM

चंडीगढ़ (धरणी) : हरियाणा की राजनीति में दबंग छवि रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला और पूर्व उप प्रधानमंत्री चौधरी देवी लाल के पौत्र अभय सिंह चौटाला ने आज पंजाब केसरी से बातचीत की। जिसमें उन्होंने नेता प्रतिपक्ष पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर गंभीर आरोप लगाए और साथ ही साथ जजपा जो कि इन्हीं की पार्टी इंडियन नैशनल लोकदल से निकली हुई पार्टी है, के नेताओं पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि जजपा के लोगों ने जनता का विश्वास खोया है। उन्होंने कहा कि अगर 26 तारीख तक ये काले कृषि कानून सरकार वापस नहीं लेती तो 27 तारीख को वह ट्रैक्टर पर सवार होकर विधानसभा में जाएंगे और स्पीकर को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। उनसे बातचीत के कु छ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं : 

प्रश्न : 26 तारीख को दिल्ली कूच करने की आपकी घोषणा है?
उत्तर : जिस दिन हमें इस बिल के दस्तावेज मिले उसी दिन हमने फैसला लिया था कि ये बिल वापस होने चाहिएं। उसके बाद किसानों ने आंदोलन शुरू कर दिया। मैंने विधानसभा में भी इसका विरोध किया था। उसके बाद कमिश्नर को मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन भी सौंपा। सरकार ने इसे अहं की लड़ाई बना लिया और किसानों ने भी अपने आंदोलन को बड़ा कर दिया। मैं मरते दम तक किसानों के लिए लड़ता रहूंगा।

प्रश्न : आपकी पार्टी से किसानों को हमेशा से काफी उम्मीद रहती है, इसके बारे में क्या कहेंगे?
उत्तर : हमारी पार्टी का पौधा चौधरी देवीलाल जी ने लगाया था। वह हमेशा गरीब, कमजोर, किसान और कमेरा वर्ग के लिए लड़ते रहे। वह मानते थे कि देश में केवल दो ही वर्ग हैं एक कमेरा और दूसरा लुटेरा। जिन लोगों ने चौधरी देवी लाल के फोटो लगाए। देवी लाल के नाम पर भावुक करके उनके वोट हथियाए। वह आज सत्ता में सांझीदार हैं। उन्होंने चौधरी देवी लाल के नाम को लुप्त करने की कोशिश की है। लोगों में चर्चा है कि इस प्रकार के लोग उनके घर में कैसे पैदा हो गए। मैं समझता हूं कि जब तक इसमें कोई व्यक्ति बड़ा फैसला नहीं लेगा तब तक सरकार मानेगी कि यह तो कु छ ही लोगों का आंदोलन है। 

प्रश्न : स्पीकर साहब ने आपके त्यागपत्र में कु छ वर्डिंग का फर्क  बताया था। आपकी इस पर क्या टिप्पणी है ?
उत्तर : स्पीकर तो सुर्खियों में बना रहना चाहता है जब मैंने त्यागपत्र दे दिया तो स्पीकर को पै्रस कांफै्रं स करने की जरूरत क्या थी कि उनका त्यागपत्र मेरे पास आया ही नहीं। त्यागपत्र की कॉपी जब मैंने भेजी तो पै्रस के लोगों के सामने साइन किए थे और वहीं से उनके पास मेल किया था। किसी को अगर स्पीकर की ओथ दिलाई जाती है, सर्वसम्मति से हाऊस में स्पीकर चुन लिया जाता है तो स्पीकर पार्टी से त्यागपत्र दे देता है। वह फिर किसी पार्टी का नहीं होता। वह एक तरह से विपक्ष का सहारा होता है क्योंकि सरकार की गलतियों पर विपक्ष ने सवाल खड़े करने होते हैं। लेकिन यहां उल्टा काम हो रहा है।

प्रश्न : 27  को ट्रैक्टर पर विधानसभा में जाकर इस्तीफा देने की बात कही है, वह क्या है ?
उत्तर : मेरी बात स्पीकर साहब से हुई थी और स्पीकर ने खुद मुझे कहा था कि कल मैं आपका इंतजार करूंगा। मुझे आज उनके पास जाना था लेकिन आज वह कार्यालय में आए ही नहीं। इससे आप क्या अंदाजा लगाओगे कि स्पीकर कितना सीरियस है। जो आदमी विधायक को फोन पर टाइम दे रहा है और वह ऑफिस में आता भी नहीं तो आप उसकी बात पर कितना भरोसा करोगे। 

प्रश्न : आपने 26 के बाद बी.जे.पी. और जे.जे.पी. के विधायकों के इस्तीफे की लाइन लगने की बात कही, इस दावे का क्या आधार है ?
उत्तर : हरियाणा में 80 फीसदी कृ षि आधारित लोग हैं जिन्हें किसान कहा जाता है यानी मतदाता भी 80 फीसदी हुए। विधानसभा का सदस्य वही बनेगा जो किसान के साथ खड़ा होगा। जिसने भी इस आंदोलन के कारण इस्तीफा नहीं दिया, किसान की अनदेखी की, उसकी अगली तीन पीढिय़ां मैंबर पंचायत भी नहीं बन पाएंगी, विधायक और सांसद तो बहुत दूर की बात है। 

प्रश्न : सुप्रीम कोर्ट की कमेटी में से एक अहम सदस्य ने इस्तीफा दे दिया, इस पर क्या कहेंगे ?
उत्तर : मैं सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करता हूं। लेकिन इस कमेटी के जितने भी मैंबर बनाए गए वे इस बिल के पक्ष में पहले से ही थे। इस कमेटी से जहां लोगों में विश्वास बढऩा चाहिए था,वहीं इससे लोगों में गुस्सा बढ़ गया कि जो भी सदस्य बनाए गए वे गलत बनाए गए। जो इस्तीफा एक सदस्य ने दिया है वह सरकार के प्रति जो किसानों में गुस्सा है उसका सामना ये सदस्य नहीं कर पाएंगे इसलिए दिया गया है।

प्रश्न : 26 तारीख को गणतंत्र परेड है और ट्रैक्टर यात्रा का ऐलान, क्या मानते हैं हल किस प्रकार से निकलेगा?
उत्तर : प्रजातंत्र प्रणाली में हर देशवासी को अधिकार है परेड को देखने का। सरकार को रोकना नहीं चाहिए, जो भी परेड को देखने जाए उसे जाने देना चाहिए। मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को 26 जनवरी के दिन घोषणा करनी चाहिए कि मुझसे भूल हुई है। गलती स्वीकार करना कोई बुरी बात नहीं है। अगर कोई गलती पर अड़ कर बैठ जाए तो उससे बहुत बड़ा नुक्सान हो जाता है। 

प्रश्न : ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भी इस परेड में शामिल होने के लिए आने वाले थे लेकिन नहीं आ रहे, क्या कारण मानते हैं ?
उत्तर : लगभग हर देश में सिख समुदाय के लोग बहुत बड़ी संख्या में मौजूद हैं और वे वहां पर वोटर हैं और इस आंदोलन को सपोर्ट कर रहे हैं और उन देशों में मौजूद भारत के राजदूतों को सरकार के खिलाफ ज्ञापन सौंप रहे हैं। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री 26 तारीख को परेड में शामिल होने के लिए इसलिए नहीं आ रहे क्योंकि उन्हें आशंका है कि यहां आने से उनका राजनीतिक नुक्सान हो सकता है।

प्रश्न : भूपेंद्र सिंह हुड्डा भाजपा के साथ मिले हुए हैं, आप कैसे दावा कर रहे हैं ?
उत्तर : राज्यसभा के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सुभाष चंद्रा थे, उस दौरान खुद उन्होंने अपने वोट का इस्तेमाल नहीं किया, पेपर को खाली छोड़ कर आ गए थे। पैन की स्याही बदल दी गई, स्याही बदलकर उन्होंने अपने साथियों के वोट भी कैंसिल करवाए थे। क्या वह राजनीतिक धर्म निभा रहे थे। अपने बेटे के लिए  उन्होंने सौदेबाजी की और आज वह  किसानों की  बात  करता है लेकिन विधानसभा में बहस करने की बजाय वाकआऊट कर जाता है तो फिर आप कैसे नहीं मानते कि वह मिले हुए नहीं हैं।

प्रश्न : भाजपा तो साफ तौर पर आंदोलन को भड़काने में कांग्रेस पर आरोप लगा रही है लेकिन आप कह रहे हैं कि हुड्डा मिले हुए हैं ?
उत्तर : हरियाणा पंजाब हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज, रिटायर्ड आई.ए.एस.-आई.पी.एस. इस आंदोलन को सपोर्ट कर रहे हैं। एक डी.आई.जी. ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। बहुत सी बार ने सर्वसम्मति से इसका समर्थन किया और फ्र ी केस लडऩे की बात कही।  रही बात कांग्रेस की तो हमने खुद 1400 पन्नों की एक चार्जशीट मुख्यमंत्री को सौंपी थी और जांच करवाने की अपील की थी और कहा था कि अगर हम गलत हों तो हमारे खिलाफ कार्रवाई कर देना। लेकिन आज तक उस पर किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई।  जब भी विधानसभा में बहस के समय भाजपा के लोग फाइल की कॉपी का किनारा दिखा  देते हैं तो हुड्डा की थूक सूख जाती है, उनकी बोलती बंद हो जाती है।

प्रश्न : आपकी ट्रैक्टर यात्रा का रूट क्या रहेगा ?
उत्तर : मैं सबसे पहले अंबाला जाऊंगा। काफी ट्रैक्टर- ट्रालियों का जत्था मेरे साथ होगा। उसके बाद मैं पेहवा, पेहवा से कैथल, कैथल से नरवाना, फिर उचाना, वहां से जुलाना, जुलाना से बरोदा, बरोदा से होते हुए गन्नौर और फिर राई पहुंचुंगा। मेरे साथ ट्रैक्टर - ट्रालियों का जत्था बढ़ता चला जाएगा और उसके बाद मैं बॉर्डर पर पहुंचंगा।

प्रश्न : जेजेपी पार्टी सत्ता में शामिल है, वह सरकार से समर्थन वापस क्यों नहीं ले रही, क्या मानना है आपका ?
उत्तर : इनसे बड़ा झूठ कोई बोल नहीं सकता। समय आने दो, इन जे जे पी वालों की ऐसी पोल खोल दूँगा। यह कहते थे कि हमें घर से निकाल दिया, कुछ नहीं दिया। 
 

Manisha rana