प्रदेश को गाली देने वाले को सजा दिलवाना सरकार के साथ हमारी भी जिम्मेदारी: अभय चौटाला

9/12/2018 4:22:32 PM

चंडीगढ़ (धरणी): सदन में अभद्र भाषा का प्रयोग करने व सरकार का साथ देने के सवाल पर  इनैलो नेता व नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने कहा कि अगर कोई  प्रदेश को गाली दे तो सदन के अंदर सरकार के साथ साथ हमारी भी जिम्मेदारी बनती है की उसे इसकी सजा दिलवाएं। उन्होंने कहा कि सदन में जब मैं बोल रहा था तो मुझे कांग्रेसी धड़े की तरफ से अपशब्द बोले जा रहे थे और रही स्पीकर की बात तो स्पीकर ने मुझे प्रोटेक्ट नहीं किया, अगर कोई मेरे पर कटाक्ष करे तो मैं सहन कर सकता था। लेकिन कारण दलाल ने ओम प्रकाश चौटाला और ताऊ देवी लाल पर कटाक्ष किया था। चौटाला ने हुड्डा को इस सारे प्रकरण का षड्यंत्र रचने वाला और जिम्मेदार दलाल को बताया।

चौटाला ने कांग्रेस के आरोपों को खंडन करते हुए कहा कि मंगलवार को जो विधानसभा में हुआ उसके लिए कांग्रेस जिम्मेदार है, कांग्रेस को पता था कि मैं रॉबर्ट वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर का मुद्दा उठाऊंगा। नेता प्रतिपक्ष अभय चौटाला ने कांग्रेस और भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि आज जो रॉबर्ट वाड्रा और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के खिलाफ जिस शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई है वैसी ही एफआईआर हमने चार साल पहले दी थी लेकिन भाजपा ने उस शिकायत को चार साल तक दबा कर रखा। चौटाला ने कहा कि ये मुकदमा तो 4 साल पहले ही दर्ज हो जाना चाहिए था, जबकी भाजपा सरकार ने इस पर इतना समय लगा दिया है। मैंने इसी मुद्दे पर विधानसभा मे मुख्यमंत्री से जवाब भी  मांगना था।

दलाल द्वारा पुलिस में दी शिकायत पर नेता प्रतिपक्ष ने जवाब देते हुए कहा कि करण दलाल ने जो शिकायत आज दी है ऐसी ही शिकायत इसने 2000 में भी दी थी, क्योकि उस समय भी इसने सदन में ओछी बातें कही और तब भी इसने पुलिस स्टेशन और राज्यपाल को शिकायत दी थी। हमारे खिलाफ चल रहे मामले में भी जब ये गवाही देने गया तो गवाही देने की बजाये इसने पुलिस प्रोटेक्टशन की मांग की थी जिस पर माननीय न्यायाधीश ने इसे लताड़ लगाई थी। अभय चौटाला ने कहा कि मैं विधान सभा की बात विधानसभा मे ही छोड़ कर आ जाता हूं और सदन में जब में उनके कहने पर उग्र नहीं हुआ तब उन्होंने मुझ पर अटैक करना चाहा तो मुझे सेल्फ डिफेंस में कुछ तो करता ही था। कोर्ट में मेरे जमानत को लेकर पहले भी कई बार बेनामी चिठिया दी जा चुकी हैं, लेकिन मैं कभी भी कोर्ट की अवमानना नहीं करता।

Shivam