मैं अभय सिंह चौटाला जी से पूछना चाहता हूं कि उनके इस्तीफे से क्या हो गया : दिग्विजय चौटाला

2/25/2021 12:44:08 PM

चंडीगढ़ (धरणी) : अपने बेबाक अंदाज़ और स्पष्ट वादी विचार रखने वाले इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं उपमुख्यमंत्री के भाई दिग्विजय चौटाला ने आज पंजाब केसरी से बातचीत के दौरान अपने चाचा अभय सिंह चौटाला और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर खूब कड़ी टिप्पणियां की। उन्होंने कहा कि आज विपक्ष को मालूम है कि अगर 5 साल तक दुष्यंत चौटाला सरकार के साझीदार बनकर लोगों के काम करते रहे तो इनकी दुकानें बंद हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि आज दुष्यंत चौटाला ने अपने सभी महकमों में बहुत सी अनियमितताओं को दूर करके प्रदेश के राजस्व में बढ़ोतरी करने का काम किया है। लेकिन उन पर हवा हवाई आरोप लगाकर उन्हें केवल और केवल बदनाम करने की झूठी साजिश की जा रही है। लेकिन प्रदेश के लाखों कार्यकर्ताओं, जनता के आशीर्वाद और स्नेह के चलते वह आज उप मुख्यमंत्री के पद पर बैठे हैं।जोकि विपक्ष के पेट के दर्द का बड़ा कारण है। उनसे बातचीत के कुछ अंश आपके सामने प्रस्तुत हैं:-

प्रश्न : बजट सेशन में कांग्रेस मौजूदा सरकार को अल्पमत में बताते हुए अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है ?
उत्तर : 
जो लोग स्वयं अविश्वास में जी रहे हैं। जिनके प्रति लोगों को विश्वास नहीं रहा। वह भूपेंद्र सिंह हुड्डा ऐसी बातें करें तो बहुत हास्यप्रद लगती हैं। अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए हमें बहुत खुशी होगी। दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। उनके मुख्यमंत्री बनने के हसीन सपने इसके बाद बिखर जाएंगे। ना नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी। इस कड़वी सत्यता से पूर्व मुख्यमंत्री को गुजरना होगा।

प्रश्न : उपमुख्यमंत्री के सभी विभागों को लेकर कांग्रेस की आक्रामकता को लेकर क्या कहेंगे ?
उत्तर : 
जिस दिन से दुष्यंत चौटाला उप मुख्यमंत्री बने। उसी दिन से मेरे चाचा व  इन विरोधियों के पेट में बहुत ज्यादा दर्द है। इसका स्पष्ट कारण है कि वह जानते हैं कि अगर दुष्यंत कामयाब हो गया। इसने 5 साल सरकार के साथ हिस्सेदार बन कर लोगों के काम कर दिए तो तुम्हारी दुकान बंद हो जाएगी। दुष्यंत के आगे बढ़ने पर उनके दाव उल्टे पड़ जाएंगे। हरियाणा प्रदेश की जनता का आशीर्वाद दुष्यंत के साथ है। इसलिए मुश्किल परिस्थितियों में भी कैसे उभरना है, कैसे आगे बढ़ना है, वह दुष्यंत कर रहे हैं। इन हवा-हवाई बातों से कुछ नहीं होगा। अगर कोई बात है तो सबूत के साथ पेश करें।

प्रश्न : इन मुद्दों को कांग्रेस विधानसभा सेशन में भी उठाने की बात कर रही है ?
उत्तर : 
सरकार बनने के बाद यह कोई पहला सेशन नहीं है। वह तो पहले भी मुद्दे उठाते रहे हैं। कई सेशन हो चुके हैं। दुष्यंत जी ने कहा कि मैं अपने महकमों की सफाई कर रहा हूं। कहीं भी कुछ गलत लगेगा तो दुरुस्त करूंगा। उन्होंने बड़े कठोर कदम उठाए। जिसके चलते राजस्व में भी भारी बढ़ोतरी हुई है।

प्रश्न : भर्तियों को लेकर विपक्ष मुद्दा उठा रहा है कि पेपर ले लिए जाते हैं और फिर कैंसिल कर दिए जाते हैं ?
उत्तर : 
कहीं अनियमितताएं सामने आती है तो भर्ती का पूरा प्रोसेस दोबारा एग्जाम  होगा। बहुुत जल्द प्रोसेस  को पूरा करके हरियाणा के लाखों लोगों रोजगार मिले इसके लिए हम प्रतिबद्ध हैं।

प्रश्न : इनेलो नेता आपके चाचा अभय चौटाला आपके इर्द-गिर्द लोगों पर आरोप लगा रहेे हैं ?
उत्तर : 
जिन लोगों दुष्यंत से सबसेे ज्यादा परेशानी है उस पंक्ति में सबसे पहले नंबर पर मेरे चाचा हैं। उन्हेंं तो बर्दाश्त ही नहीं हो रहा। वह तो सुबह से शाम तक इस ताक में रहतेे हैं कि दुष्यंत के खिलाफ बोलने का कोई मौका मिले। क्योंकि उन्हें पता है कि उनके नेतृत्व में, जिस पार्टी में, हम सब संगठित तौर पर थे। आज हाशय पर जाने का सबसे बड़ा कारण उनका राजनीतिक स्टाइल है। दुष्यंत ने खून पसीने की मेहनत से एक नई ऑर्गनाइजेशन खड़ी कर लाखों लोगों के साथ आगे कदम बढ़ाए तो उनकी पीड़ा, उनका दर्द किसी से छुपा नहीं है। दुष्यंत बहुत मैच्योर हैं। 5 साल सांसद रहे। उसके बाद एक पार्टी खड़ी की। जनता के आशीर्वाद और स्नेह से वह आज प्रदेश के उपमुख्यमंत्री हैं। किसी भी व्यक्ति विशेष की गाइडलाइन की उन्हें जरूरत नहीं है। आज स्वयं अपने आप में परिपक्व नेता बन चुके हैं। इस तरह कोई ठेकेदार बनते हैं तो मैं मानता हूं कि अभय सिंह चौटाला जी और उन लोगों को सावधान हो जाना चाहिए। हमारी पार्टी में किसी बग़ैरत आदमी की, कोई ठेकेदारी की हमें जरूरत नहीं है। हम स्वयं सक्षम हैं और बड़ी जिम्मेदारी से अपने काम को कर रहे हैं।

प्रश्न : उन्होंने कुछ लोगों के नाम लेकर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं ?
उत्तर : 
नाम किन लोगों के लिए हैं। मेरा तो उनसे कोई वास्ता नहीं है। ना ही मैंने कभी उनको देखा है। मैं तो खुलकर कह रहा हूं कि हमें किसी की आवश्यकता नहीं है। जननायक जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं की बदौलत यह सरकार खड़ी हुई है और आज यह जिम्मेदारी दुष्यंत जी पर है और दुष्यंत जी को किसी बेसाखियों की जरूरत नहीं है।

प्रश्न : कृषि कानूनों को लेकर विपक्ष की भूमिका और किसानों द्वारा अपनी फसल जलाने को लेकर क्या कहेंगे ?
उत्तर : 
बहुत लंबा आंदोलन चल गया और हर रोज इस बात को लेकर दिल पसीजता है। पीड़ा होती है कि लाखों लोग आज इस इतने बड़े आंदोलन में शामिल होकर अपनी बातों को उठा रहे हैं। मैं मानता हूं कि नरमाई दोनों तरफ से आनी चाहिए। वार्ता से ही किसी बात का समाधान होगा। हल निकलेगा। हमने बहुत एजीटेशन किए लेकिन अल्टीमेट सॉल्यूशन डेमोक्रेटिक स्ट्रक्चर्स में बातचीत से ही होगा। मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूं कि दोनों तरफ से नरमाई आए और बहुत जल्द इसका समाधान हो। एक भी और दिन इंतजार न करके तुरंत बातचीत की जाए।किसानों के हितों की बात आगे बढ़ाई जाए। कहीं कोई लगता है कि कानूनों में कमी है तो इसके लिए सरकार ने खुद भी माना है इन सभी बातों को हम वापस लेने के लिए तैयार हैं।

प्रश्न : अन्नदाता अपनी फसलों का नुकसान कर रहे हैं। क्या अपील करेंगे ?
उत्तर : 
मैं परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि ऐसा न हो। ऐसी स्थिति न बने कि इस प्रकार के कठोर निर्णय किसानों को लेने पड़े। कम से कम इस सरकार में तो ऐसा नहीं होगा। मोदी जी का जो किसानों के साथ वायदा है इसलिए मुझे उम्मीद है ऐसा नहीं होगा।

प्रश्न : अभय चौटाला ने कहा है कि मैंने सबसे पहले इस्तीफा दिया। देवीलाल के सभी वंशज इस्तीफा क्यों नहीं देते ?
उत्तर : 
मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि उनके इस्तीफे से क्या हो गया। डॉक्टर अजय सिंह जी बड़े खुले तौर पर कहा है कि दुष्यंत जी के इस्तीफे से अगर कुछ होता हो तो मेरे से ले जाओ। दुष्यंत का, जननायक जनता पार्टी का, हरियाणा सरकार का, गठबंधन सरकार का इन कृषि बिलों को बनाने में कोई इंवॉल्वमेंट नहीं है। यह केंद्र का फैसला है। केंद्र में बैठे लोगों ने किसानों के हित में ही निर्णय लिया होगा। इसमें कमियों और खामियों को निकालने के लिए केंद्र सरकार तैयार है। लेकिन समाधान बातचीत से ही संभव है।

प्रश्न : कोविड की वापसी से कुछ राज्यों में कर्फ्यू- लॉकडाउन लगाना पड़ा। पड़ोसी राज्य पंजाब में भी काफी केस सामने आए हैं। ऐसे में छोटे बच्चों की कक्षाएं खोलना कितना जायज मानते हैं ?
उत्तर : 
यह बदलता मौसम है। हमारे वैज्ञानिकों ने इसको लेकर पहले से ही सावधान कर दिया था। हमें गाइडलाइन को मानते हुए सावधान रहना होगा।लेकिन हम भविष्य की पीढ़ी को अंधकार में भी नहीं डाल सकते। इन दोनों को बैलेंस करके हमें आगे बढ़ना होगा। कक्षाओं को कितना ऑनलाइन चला सकते हैं। इसके बाद फैसला लेना होगा।

प्रश्न : कई राज्यों में इनसो के संगठन खड़े करने की बात आपने कही थी ?
उत्तर : 
कोरोना काल में कहीं कोई पॉलिटिकल या सोशल एक्टिविटी नहीं हो पाई। हम सभी उस समय असहज रहे। माहौल ठीक होते ही हम अपने कदम आगे बढ़ाएंगे।

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Content Writer

Manisha rana