स्वास्थ्य विभाग सख्त, ड्यूटी से गैर-हाजिर डॉक्टर होंगे टर्मिनेट

7/9/2018 1:09:28 PM

चंडीगढ़ (पांडेय): हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से ड्यूटी से गैर-हाजिर चल रहे डाक्टरों की सेवाएं समाप्त करने की कवायद शुरू हो गई है। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे डाक्टरों को आखिरी नोटिस देकर टर्मिनेट करने के लिए मुख्यमंत्री के पास फाइल भेज दी है। बताया गया कि अगले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री से संस्तुति मिलने के बाद ऐसे डाक्टरों को नौकरी से हटाने के लिए समाचार पत्रों के माध्यम से आखिरी नोटिस दिया जाएगा। वहीं करीब 5 दर्जन ऐसे डॉक्टरों के खिलाफ भी चार्जशीट की तैयारी की गई है जो गैर-हाजिर रहने के बाद अब ड्यूटी पर आ गए हैं।

वैसे तो स्वास्थ्य महकमे में डाक्टरों की काफी कमी है लेकिन बिना बताए ड्यूटी से गैर-हाजिर रहने वाले डाक्टरों के मामले में अब विभागीय मंत्री अनिल विज सख्त हो गए हैं। विज के ही निर्देशों पर ऐसे डाक्टरों की सेवाएं समाप्त करने की पहल की गई है। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग में करीब 3 हजार डॉक्टरों के स्वीकृति पद हैं। इनमें से करीब 160 डाक्टर पिछले कई वर्षों से बिना जानकारी के गैर-हाजिर चल रहे हैं जबकि 543 एस.एम.ओ. व सी.एम.टो. रैंक के अफसरों के पद हैं। हरियाणा में पिछले कई वर्षों से डाक्टरों की कमी की समस्या बनी हुई है। 

पूर्व की सरकार में डाक्टरों की कमी को दूर करने के लिए उनकी चयन प्रक्रिया को हरियाणा लोक सेवा आयोग के दायरे से बाहर कर विभाग को जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन उसके बाद भी सरकारी अस्पतालों के प्रति डाक्टरों का मोह नहीं दिखा। कमोबेश यही स्थिति अभी भी बनी हुई है और पिछले दिनों डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में चयनित होने के बाद भी आधे डाक्टरों ने ज्वाइङ्क्षनग नहीं दी। मौजूदा समय में करीब 600 डॉक्टरों की कमी है। खास बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों के अस्पतालों यानी सी.एच.सी. और पी.एच.सी. में लंबे समय से कई डाक्टरों के पद खाली हैं। ज्यादातर डाक्टर शहरी क्षेत्र के अस्पतालों में ही रहना पसंद करते हैं ऐसे में सरकार और विभाग को सामंजस्य बनाने में खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इन सबके बीच ड्यूटी से गैर-हाजिर होकर खुद का अस्पताल और विदेश जाने वाले डाक्टरों के बारे में अब स्वास्थ्य विभाग गंभीर हो गया है। 

पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने विभागीय अधिकारियों को ऐसे डाक्टरों की सूची बनाने के आदेश दिए थे जिसमें करीब 160 डाक्टर सामने आए हैं। वैसे तो यह संख्या 200 से ज्यादा थी लेकिन करीब 50 डाक्टरों ने अब वापस होकर ड्यूटी ज्वाइन कर लिया है। लिहाजा अब 160 डाक्टरों की सेवाएं समाप्त करने के लिए विभागीय स्तर पर कार्रवाई शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री के पास संस्तुति की फाइल वापस आने के बाद तुरंत प्रभाव से इन सभी को आखिरी मौका देने के लिए नोटिस दिया जाएगा। उसके बाद सरकार इनकी सेवाएं समाप्त कर देगी।

अनिल विज ने कहा कि लंबे समय से ड्यूटी से गैर-हाजिर चल रहे डाक्टरों की सेवाएं समाप्त करने की कार्रवाई शुरू की गई है। जल्द ही इसका फैसला कर दिया जाएगा।

Nisha Bhardwaj