संदीप सिंह मामले में जांच के बाद ही होगी कार्रवाई: मनोहर लाल

2/20/2023 8:22:12 PM

चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): महिला कोच द्वारा पूर्व खेल राज्यमंत्री मंत्री संदीप सिंह पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद से लगातार यह मामला राजनीतिक रूप से सुर्खियों में चल रहा है। पूर्व खेल राज्यमंत्री संदीप सिंह से उनका मंत्रालय वापस लिए जाने के बावजूद मामला लगातार ठंडा होने का नाम नहीं ले रहा। एक तरफ महिला कोच के पक्ष में कई खाप- कई बुद्धिजीवी- कई खिलाड़ी- कई सामाजिक संस्थाएं और कई राजनीतिक लोग खड़े नजर आते रहे हैं, वही मुख्यमंत्री आज भी अपने स्टैंड पर पूरी तरह से अडिग हैं। नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में हू-हल्ला करने के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल से जवाब मांगा था कि सरकार संदीप सिंह को बर्खास्त कर रही है या नहीं। इस पर मुख्यमंत्री ने विधानसभा में अपना पुराना स्टैंड फिर से दोहराया और साफ कर दिया कि सरकार उनसे उनका मंत्रालय वापिस ले चुकी है। लेकिन अभी बर्खास्तगी का कोई सवाल पैदा ही नहीं होता। उन्होंने साफ कर दिया कि जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद ही इस पर कोई फैसला लेना उचित रहेगा।

मुख्यमंत्री के स्टैंड पर टेबल थप-थपाकर सत्तापक्ष उनके फैसले के पक्ष में पूरी तरह से खड़ा नजर आया। बता दें कि इस मामले में लगातार सरकार पर दबाव बनाने का खेल विपक्ष द्वारा चलता आ रहा है। कभी किसी क्षेत्र- कभी किसी समाज- कभी किसी खाप द्वारा महिला कोच के पक्ष में खड़े होने की बात सामने लाकर सरकार पर दबाव बनाया जाने का सिलसिला लगातार जारी है। 26 जनवरी को पूर्व खेल राज्य मंत्री संदीप सिंह द्वारा ध्वजारोहण के कार्यक्रम के विरोध  के बाद अब कैथल में दर्जनों खापों द्वारा एकजुटता से संदीप सिंह की कैथल में एंट्री बैन करने तथा कैथल में कहीं पर भी आने पर उनका विरोध किए जाने का फैसला भी कहीं ना कहीं मुख्यमंत्री पर दबाव भी माना जा सकता है। महिला एक्टिविस्ट एवं समाज सेविका सोनिया दूहन द्वारा कैथल में बुलाई गई ''बेटी मांगे इंसाफ'' के नाम से महापंचायत में सरकार पर पूर्व खेल राज्यमत्री संदीप सिंह को बचाने और उनकी मदद करने के आरोपों के बावजूद मुख्यमंत्री ने यह साफ कर दिया कि जांच कमेटी की रिपोर्ट आने तक इससे अधिक उनके खिलाफ कुछ भी नहीं होगा यानि मुख्यमंत्री अपने स्टैंड पर पूरी तरह से कायम नजर आए।

 

बता दें कि पूर्व मंत्री पर लगे यौन शोषण के इन गंभीर आरोपों के बाद भी लगातार महिला तरह-तरह के आरोप लगाती रही है। कभी महिला 1 करोड़ रुपए की ऑफर के तो कभी चुप रहने के लिए दबाव बनाने के तो कभी विदेश भेजने के भी आरोप महिला लगाती रही है। इस मामले में चंडीगढ़ के थाना सेक्टर 26 में केस दर्ज है और चंडीगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ महिला अधिकारी पलक गोयल के नेतृत्व में इस मामले की गहनता से जांच चल रही है। महिला और उनके पक्ष में खड़े लोग लगातार सरकार पर पूर्व मंत्री की मदद का आरोप लगाते रहे हैं। लेकिन मुख्यमंत्री ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि सिर्फ आरोप से कोई व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। इस मामले में केस दर्ज किया जा चुका है। मंत्रालय वापस लिया जा चुका है। जहां चंडीगढ़ पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, वही हरियाणा पुलिस की भी एक विशेष टीम सच्चाई का पता लगाने में लगी हुई है। हर पहलू की गहनता से जांच के बाद जो भी रिपोर्ट सामने आएगी उसके बाद ही अगला कोई भी फैसला लेना उचित होगा। मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया यह स्टैंड कहीं ना कहीं  उनकी पूरी टीम के लिए अगर उत्साहवर्धक कहा जाए तो गलत नहीं होगा। साथ ही यह उनके उनकी टीम के प्रति विश्वास को भी जाहिर करने के लिए काफी है। अगर इस दबाव में मुख्यमंत्री आ जाते तो विपक्ष की छवि जहां जनता के दिलों दिमाग में मजबूत और जनहित में नजर आती, वही सरकार के प्रति जनता के सामने एक अच्छा संदेश नहीं साबित होता और सत्ता पक्ष के लोग भी अपने को असुरक्षित मानते। 

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Content Editor

Ajay Kumar Sharma