संयुक्त किसान मोर्चा की भाजपाइयों को नसीहत, शिकायत करने की बजाय गुस्से की जड़ समझें

7/6/2021 9:27:42 AM

सोनीपत (दीक्षित): संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बार फिर भाजपाइयों व उसके सहयोगी दलों को नसीहत दी है। किसान नेताओं ने कहा कि पत्रबाजी की बजाय किसानों के गुस्से की जड़ को समझना चाहिए। जब तक किसानों की समस्या का समाधान नहीं होगा, तब तक भाजपा व उसके सहयोगी दलों को किसानों के आक्रोश का सामना करना पड़ेगा। 

उन्होंने बताया कि हर जगह किसानों द्वारा विरोध किए जाने से परेशान पंजाब भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष ने सी.एम. अमरेंद्र सिंह को पत्र लिखकर इस मुद्दे पर चर्चा का समय मांगा है। किसान नेताओं ने कहा कि बजाय चर्चा के किसानों के विरोध का निराकरण करने की तरफ ध्यान दिया जाना चाहिए। किसानों के लिए इस समय जीवन-मरण का मामला है।  किसानों ने बताया कि हरियाणा के पानीपत में ग्रामीण विधायक महीपाल ढांडा को एक सड़क का उद्घाटन करने के लिए पहुंचना था, लेकिन किसानों के विरोध प्रदर्शन के चलते उन्होंने अपना कार्यक्रम रद्द कर दिया और अपनी जगह अपने भाई को इस कार्यक्रम में भेज दिया। 

इससे पहले मोर्चा के नेताओं ने 8 जुलाई को महंगाई को लेकर प्रस्तावित प्रदर्शन की रूपरेखा तैयार की। इस दिन किसान व अन्य संगठनों के सदस्य 10 से 12 बजे तक सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं, संसद के बाहर प्रदर्शन को लेकर भी रणनीति तैयार की गई।  किसानों ने साफ कहा कि वे चाहते हैं कि मानसून सत्र में इस बार किसान आंदोलन व कृषि कानून मुख्य मुद्दा बने और उसी को लेकर बातचीत हो। संसद के बाहर रोजाना हर संगठन से 5 किसान पहुंचेंगे और प्रदर्शन करेंगे। विपक्षी दलों को चेतावनी दी जाएगी कि वे या तो किसान आंदोलन का मुद्दा उठाएं अथवा इस्तीफा देकर संसद से बाहर हो जाएं। 


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Content Writer

Isha