वकील सुखविंद्र नारा के सुझाव मोरनी मामले में पुलिस के लिए बने सहायक

7/26/2018 12:23:11 PM

पंचकूला (धरणी): मोरनी रेप मामले में पंचकूला पुलिस के डी.सी.पी. को 24 जुलाई को व्हाट्सएप मैसेज भेज हरियाणा व पंजाब हाईकोर्ट के वकील सुखविंद्र नारा ने कुछ सुझाव दिए थे। पंचकूला पुलिस द्वारा आज कथित पीड़िता के पति की गिरफ्तारी भी इसी दिशा में एक कदम माना जा सकता है।

नारा ने व्हाट्सएप में कहा कि मोरनी गैंगरेप मामला हमारे समाज में एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। विचार राजनीतिक नहीं, निजी हैं, इसलिए  राजनीतिक दल से जोड़कर न देखें । मुझे लगता है की जिन्हें दोषी मानकर हिरासत में रखा जा रहा है उनके  बारे में भी गहन तफ्तीश की ज़रूरत है कि क्या उन्होंने रेप किया है या सहमति में ये सब हुआ है, सुनने में आया है कि अधिकतर लोग युवा हैं कुछ 18 साल से नीचे भी हैं ।

 मुझे लगता है कि पुलिस को इन पहलुओं पर विचार करना चाहिए। पहला कहीं पीड़िता को उसके पति ने पैसे के लिए तो नहीं बेच दिया था ? दूसरा जब तक पीड़िता होटल में थी तो उसके पति ने पुलिस को सूचित कर उसे क्यों नहीं छुड़वाया ? तीसरा कहीं पीड़िता को असली मुलजिम उसका पति और होटल वाले तो नहीं? चौथा कहीं पीड़िता देह ब्यापार का शिकार तो नहीं हुई? 5वां कहीं उसके पति व होटल  वालों के बीच पैसे को लेकर कहासुनी तो नहीं हुई। छठा कहीं होटल चकलाघर तो नहीं था? 7वां क्या पीड़िता का पति वाकई उसका पति है, कहीं उसे किसी राज्य से ट्रैफिकिंग करके तो नहीं लाया गया ? 8वां जिस थाने के अधिकार क्षेत्र में होटल था क्या उनको होटल में चल रही गतिविधियों की बिल्कुल भी भनक नहीं थी?

कहीं ऐसा तो नहीं की पकड़े गए युवाओं ने होटल वाले को पैसे देकर ये सब किया हो और उनको पता भी नहीं हो कि पीड़िता को जबरन होटल में उसकी सहमति के बग़ैर रखा गया हो? यदि ये सब सहमति से हो रहा था और युवाओं को पीड़िता की स्थिति मालूम नहीं थी तो ऐसी दशा में पीड़िता के पति और होटल वाले जिम्मेदार हो सकते हैं लेकिन युवा नहीं जिनके ऊपर इल्जाम है। इस मामले में पुलिस को बिना किसी दबाव से प्रभावित हुए गहन तफ्तीश करनी चाहिए व पीड़िता को इंसाफ़ मिलना चाहिए।

Deepak Paul