11 दिन बाद भी अधिकारियों का जवाब ‘नो अपडेट’, भाकियू वर्कर्स और किसान भड़के

7/24/2019 11:17:28 AM

शाहाबाद मारकंडा (रणजीत): सरकार द्वारा सूरजमुखी की सरकारी खरीद बंद कर देने से किसान प्रशासन को 12 दिन का समय दे चुके हैं लेकिन अभी भी किसी अधिकारी के पास इस बात के अलावा कोई जवाब नहीं कि नो अपडेट। यह जवाब सुनकर किसान भड़क उठे और जी.टी. रोड जाम करने के लिए सरकार के विरुद्ध नारेबाजी करते हुए निकल पड़े। इससे पहले किसान रैस्ट हाऊस में एकत्रित हुए और बैठक की। बैठक में यह संदेश प्रशासन को दिया गया कि जो अधिकारी 20 जुलाई को खरीद शुरू करने की बात कहकर गए थे, उन्हें बुलाया जाए। काफी इंतजार करने के बाद भी कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। 

आश्वासन मिलता ना देख आखिर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी सहित अन्य किसान पानी की टंकी पर चढ़ गए। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी उनसे बात करने के लिए टंकी पहुंचे, किसान नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों की लगातार बातचीत का दौर जारी रहा। उधर किसानों की इस लड़ाई में राजनीतिक दलों के नेता भीअपना समर्थन देने के लिए पहुंचे।



भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी, शहरी प्रधान पवन बैंस, कुंदन परुथी, राकेश बैंस, बलकार सिंह, कृष्ण कलाल माजरा, सुखचैन, मुख्त्यार सिंह, अनिल तनेजा, संदीप बैंस व बलकार कतलाहरी ने बैठक की और रणनीति बनाकर प्रदर्शन करने के लिए चल पड़े। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए पुलिस ने जवान तैनात किए हुए थे। इनमें सी.आई.ए.-2 के प्रभारी मलकीत सिंह, डी.एस.पी. जगदीश राय, थाना प्रभारी रमेश चंद्र, हुडा चौकी प्रभारी सुनील दत्त व शहरी चौकी प्रभारी जयकरण मौजूद थे। पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं माने। 

आगे चल रहे पुलिस कर्मचारियों ने नई अनाज मंडी के दोनों गेटों को बंद कर दिया लेकिन किसान कच्चे रास्ते से होते हुए लाडवा रोड की ओर बढऩे लगे। पुलिस ने लाडवा रोड से पहले अनाज मंडी के प्रवेश द्वार पर बैरीकेट लगाकर किसानों को रोक लिया। अपराध शाखा-2 के प्रभारी मलकीत सिंह ने किसानों से कुुछ समय मांगा और पानी आदि की व्यवस्था की। अधिकारी डी.डी.ए. को फोन लगाते रहे लेकिन उनका यही जवाब था कि वह मीटिंग में हैं या बाबैन में एक कृषि मेले में व्यस्त हैं जिस पर ब्लाक कृषि अधिकारी बलवंत सिंह मौके पर पहुंचे और बताया कि उनके पास सूरजमुखी खरीद बारे कोई सूचना नहीं है।



गुरनाम ने ऐलान किया कि सभी किसान बाबैन चलते हैं और डी.डी.ए. से पूछते हैं कि टाइम देकर भी बैठक में क्यों नहीं पहुंचे। डी.एस.पी. ने उन्हें शांति से काम लेने का अनुरोध किया और किसान मौके पर गर्मी व धूप में जमीन पर ही बैठे रहे। प्रशासन के दबाव के बाद डी.डी.ए. डा. प्रदीप मिल मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों को बताया कि उन्होंने सारी औपचारिकताएं पूरी करके वरिष्ठ अधिकारियों को सौंप दी है। जैसा आदेश आएगा, वैसे लागू कर दिया जाएगा।

Isha