18 साल बाद चौटाला सरकार में खरीदे ड्यूल डेस्क की जांच शुरू, जानिए क्या है पूरा मामला

3/6/2023 9:37:20 AM

चंडीगढ़ : चौटाला सरकार में स्कूलों के लिए खरीदे गए ड्यूल डेस्क की जांच प्रदेश सरकार ने 18 साल बाद शुरु कर दी है। इसकी जांच वित्त विभाग के सचिव वजीर सिंह गोयत को सौंपी गई है। 


5.50 करोड़ रुपए से की गई थी ड्यूल डेस्क की खरीद 

बताया जा रहा है कि 2000 से लेकर 2005 तक 5.50 करोड़ रुपए से ड्यूल डेस्क की खरीद की गई थी। प्रत्येक डेस्क की कीमत 439 रुपए थी। उस वक्त आईएएस संजीव कुमार शिक्षा विभाग के निदेशक थे। सूत्रों का कहना है कि खरीद में हुई अनियमितताओं का खुलासा ऑडिट जनरल ने 2007-08 में अपनी रिपोर्ट में किया था।

बता दें कि अम्बाला, जींद, कैथल, सिरसा, गुड़गांव, फतेहाबाद, पानीपत, यमुनानगर, सोनीपत, फरीदाबाद, कुरुक्षेत्र, करनाल और रोहतक में ड्यूल डेस्क खरीद में गड़बड़ी हुई है। शिक्षा विभाग से पूरी रिपोर्ट मांगी है। जिसमें अब मौलिक शिक्षा विभाग की ओर से 13 जिलों के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखा गया है, जिसमें कहा गया है कि वित्त सचिव आईएएस वजीर सिंह गोयत ने जानकारी मांगी है। यह जानकारी सोमवार तक मेल के जरिए भेजी जाए। 

वहीं एजी ने बताया था कि ड्यूल डेस्क की क्वालिटी ठीक नहीं है, लेकिन इस मामले को दबाया गया। अब इस मामले को लेकर शिक्षा विभाग गंभीर हुआ है। इधर आईएएस वजीर सिंह गोयत अप्रैल में रिटायर होने से जांच पूरी करने में लगे हुए हैं।


पत्र लिखकर मांगी यह जानकारी

पत्र में लिखा गया है कि 2000-01 से 2004-5 तक खरीदे गए ड्यूल डेस्क की पूरी जानकारी दी जाए। 2005-06 में प्राइमरी में कितने बच्चे थे। स्टॉक रजिस्टर बनाया गया या नहीं। ड्यूल डेस्क का भुगतान किस तारीख को किया गया था। डेस्क की आपूर्ति कब हुई थी। ड्यूल डेस्क का सत्यापन कब किया गया। वर्ष 2005-06 में ऐसे कितने डेस्क थे, जिनका उपयोग नहीं किया गया।

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Content Writer

Manisha rana