कांग्रेस में बड़े ''बदलाव'' के बाद बदल सकता है तंवर का ''मन'' !, हो सकती है घर वापसी
9/13/2020 6:43:22 PM
चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा): कांग्रेस हाईकमान की ओर से शुक्रवार को राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी संगठन में किए गए बड़े बदलाव के बाद जहां कांग्रेस की सियासत में हलचल काफी तेज हो गई है, वहीं राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा भी चल उठी है कि कांग्रेस के बदलते स्वरूप के बीच पार्टी के कई बड़े नेता घर वापसी कर सकते हैं, जिन्होंने पार्टी में अपनी अनदेखी के चलते पार्टी छोड़ दी थी।
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अशोक तंवर को लेकर भी सियासी गलियारों में ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वे भी कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं, हालांकि तंवर ने कांग्रेस में वापस लौटने को लेकर ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है, मगर जिस तरह से शुक्रवार को हुए संगठनात्मक फेरबदल दौरान गुलाम नबी आजाद सहित कई बड़े दिग्गजों को बड़े पदों से हटाने के तुरंत बाद तंवर ने ट्विटर पर अपनी प्रतिक्रिया में कांग्रेस हाईकमान के फैसले को सही बताते हुए आजाद जैसे नेता पर तंज कसा, उसे देखते हुए यह चर्चा चल पड़ी है कि तंवर अब पार्टी के बदले ढांचे के बाद कांग्रेस में वापसी कर सकते हैं।
खास बात यह भी है कि बेशक अशोक तंवर ने करीब एक वर्ष पहले पार्टी में अपनी अनदेखी के चलते कई नेताओं पर आरोप लगाकर पार्टी को अलविदा कह दिया था, मगर उन्होंने तब से लेकर अब तक गांधी परिवार पर कभी कोई टिप्पणी नहीं की।
विधानसभा चुनाव से पहले छोड़ दी थी कांग्रेस
गौरतलब है कि अशोक तंवर ने पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने उस समय हरियाणा कांग्रेस के प्रभारी महासचिव गुलाम नबी आजाद जैसे लोगों को जिम्मेदार बताते हुए कहा था कि लम्बे समय तक महासचिव जैसे पदों पर रहते हुए इन लोगों ने मलाई खाई और बाद में अपने स्वार्थों के वशीभूत होकर उसी कांग्रेस को नुक्सान पहुंचाने का काम किया है और कर रहे हैं।
तंवर ने शनिवार को ट्विटर पर ट्वीट करते हुए आजाद पर तंज कसा और अपने ट्वीट के साथ एक गिरगिट की वीडियो पोस्ट करते हुए शीर्षक दिया 'जरा ऐसे कांग्रेसियों का भी ध्यान रखें’। इस ट्वीट को तंवर ने अपने ट्विटर हैंडल से भारतीय कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर टैग किया है। इस वीडियो के माध्यम से तंवर ने कांग्रेस में रंग बदलने वाले नेताओं पर भी कड़ा कटाक्ष किया है।
जरा ऐसे कांग्रेसियों का भी ख्याल रखे @INCIndia
— Ashok Tanwar (@Tanwar_Indian) September 12, 2020
Please take care of this breed of congressmen. #Congressreshuffle pic.twitter.com/SaLpnNKEu6
दो दशक तक कांग्रेस में रहे सक्रिय
अशोक तंवर ने दो दशक तक कांग्रेस में रहकर सियासत की। तंवर कांग्रेस पार्टी के उभरते हुए युवा नेताओं में से एक थे। वे राहुल गांधी के बहुत करीब रहे। अशोक तंवर साल 1999 में कांग्रेस के विद्यार्थी संगठन एनएसयूआई के सचिव एवं 2003 में अध्यक्ष बने। वे छह साल तक युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे। साल 2009 में उन्होंने सिरसा लोकसभा सीट से इनैलो के उम्मीदवार डॉ. सीताराम को 35,499 वोटों से हराया। फरवरी 2014 में उन्हें प्रदेश कांग्र्रेस की कमान सौंपी गई। 2014 और 2019 का लोकसभा चुनाव वे हार गए। अक्तूबर 2019 में हुए हरियाणा विधानसभा के चुनाव से पहले जब पार्टी ने उनकी जगह पर कुमारी सैलजा को कमान दी और हुड्डा को विधायक दल का नेता बनाया तब उन्होंने आहत होकर कांग्रेस छोड़ दी।
अभय सहित कई नेता साध चुके हैं संपर्क
गौरतलब है कि अशोक तंवर पिछले करीब एक साल से फ्रीलांस राजनेता के रूप में सक्रिय हैं। वे कांग्रेस छोडऩे के बाद किसी अन्य सियासी दल में नहीं गए। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने विभिन्न सीटों पर अपनी पसंद के उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था। वहीं इनैलो के प्रधान महासचिव अभय चौटाला ने तो कुछ समय पहले अशोक तंवर से उनके सिरसा स्थित निवास पर मुलाकात भी की थी। इसके अलावा भी अन्य दलों के नेता उनसे संपर्क साध चुके हैं।
बदलाव पहले होता तो अच्छे आते परिणाम: तंवर
इस सिलसिले में डा. अशोक तंवर ने कहा कि कांग्रेस हाईकमान ने संगठनात्मक ढांचे में परिवर्तन करके एक अच्छा कदम उठाया है। अगर हाईकमान यह निर्णय पहले ले लेती तो आज पार्टी की स्थिति काफी बेहतर होती और हरियाणा सहित कई राज्यों में कांग्रेस की सरकारें होती।