भाजपा की टिकट मिलने के बाद उतारा था इनेलो का झंडा, BJP की टिकट में पड़ सकता है अड़ंगा

5/11/2018 8:10:33 AM

अम्बाला(वत्स): गत विधानसभा चुनावों से पहले जिस समय नांगल चौधरी हलके से भाजपा की टिकट मिलने के बाद अभय सिंह यादव के निवास पर जश्न मन रहा था उनके मकान की छत पर इनैलो का झंडा फहरा रहा था। कार्यकर्ताओं के ध्यान दिलाने के बाद अभय सिंह ने झंडा उतरवाया था। राव इंद्रजीत सिंह ने दक्षिणी हरियाणा के भाजपा प्रत्याशियों को जिताने के लिए पूरा दम लगाया था लेकिन अभय सिंह की राहें अब राव से अलग दिखाई दे रही हैं। इससे उनके लिए दोबारा पार्टी की टिकट हासिल करना आसान नहीं होगा। ऐसी ही स्थिति का सामना संतोष यादव को भी करना पड़ सकता है। 

संतोष यादव और अभय सिंह दोनों भाजपा में आने से पहले इनैलो में रह चुके हैं। संतोष अटेली से विधायक और विधानसभा उपाध्यक्ष हैं। भाजपा ने इस क्षेत्र में टिकट वितरण के समय राव इंद्रजीत सिंह को पूरी प्राथमिकता दी थी। हाल ही में दोंगड़ा अहीर में आयोजित राव इंद्रजीत सिंह की जनसभा से इन दोनों का किनारा करना इंद्रजीत को रास नहीं आया। हालांकि संतोष के नहीं आने का कारण प्रोटोकॉल बताया गया है परंतु वास्तविकता कुछ और ही है। इस रैली में राव ने अपने पत्ते खोलने की बजाय कार्यकर्ताओं को आने वाले समय के लिए तैयार रहने का संदेश ही दिया। 

चूंकि रैली पूरी तरह सफल रही इसलिए राव ने पार्टी हाईकमान को अपनी व्यक्तिगत ताकत का अहसास करवा दिया। दक्षिणी हरियाणा में गुरुग्राम से लेकर नांगल चौधरी तक राव की पकड़ काफी मजबूत है। उनकी मजबूत पकड़ के कारण ही शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और सांसद धर्मबीर सिंह उनके करीब आ चुके हैं। इसी मजबूत पकड़ की बदौलत वह आने वाले समय में पार्टी हाईकमान पर दबाव बनाने का प्रयास करेंगे। विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण के दौरान एक बार फिर दक्षिणी हरियाणा के मामले में राव पूरा हस्तक्षेप करेंगे। अभी तक राव ने अपनी आगामी रणनीति का खुलासा नहीं किया है परंतु ऐसा माना जा रहा है कि अगर राव को उपेक्षित किया गया को वह ऐन मौके पर पार्टी से बगावत करने से पीछे नहीं हटेंगे। 

राव अपनी बेटी आरती राव को हर हाल में चुनाव लड़ाएंगे। उन्हें खुद भी चुनाव लडऩा है। भाजपा अगर दोनों को टिकट नहीं देती है और अहीरवाल में टिकट वितरण में उनकी नहीं चल पाती है तो उनके लिए बगावत से कम कोई और रास्ता नहीं होगा। अपने पिता की तरह वह अपनी अलग पार्टी खड़ी करने का माद्दा रखते हैं। अगर ऐसा होता है तो भाजपा के लिए ‘डैमेज कंट्रोल’ करना आसान नहीं होगा। 

इसके विपरीत अगर राव की राजनीतिक ताकत को भांपकर भाजपा उनकी इच्छा के अनुसार दक्षिणी हरियाणा में टिकटों का वितरण करती है तो जनसभा से दूरी बनाए रखने वाले अभय सिंह और संतोष के लिए टिकट हासिल करना आसान नहीं होगा। वैसे भी इंद्रजीत ने अभय सिंह के विकल्प के रूप में विनोद यादव को आगे कर दिया है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जनसभा के दौरान मंच से नीचे बैठे विनोद यादव को इंद्रजीत ने विशेष तौर पर मंच पर बुला लिया था।

Rakhi Yadav