दादा-पोते के बाद अब चाचा-भतीजे में तेज हुई जुबानी जंग

1/25/2020 11:40:32 AM

डेस्कः हरियाणा में इन दिनों सर्द मौसम के चलते पहले जहां इनैलो सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला की अपने पौत्र दुष्यंत चौटाला के साथ जुबानी जंग से सियासत में गर्माहट रही,वहीं अब चाचा-भतीजे (अभय-दुष्यंत) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलने से सियासी पारा लगातार चढ़ा हुआ है। अभय चौटाला ने पिछले कुछ दिनों में अपने भतीजे दुष्यंत पर तल्ख टिप्पणियां की तो भतीजे ने भी पलटवार करते हुए अपने चाचा पर तंज कसे।

गौरतलब है कि हरियाणा में जजपा व निर्दलीयों के सहारे सरकार बनाने वाली भाजपा के शासन के पहले 100 दिन पूरे होने जा रहे हैं और अब तक के कार्यकाल में राजनीतिक हलचल निरंतर जारी रही है। सरकार में देवीलाल परिवार के 2 सदस्यों के शामिल होने के साथ जहां देवीलाल परिवार की करीब 14 वर्ष बाद सत्ता में वापसी हुई थी,वहीं पारिवारिक सदस्यों के बीच वाक्युद्ध ने भी जोर पकड़ लिया। चौटाला परिवार के सदस्यों के बीच चल रही जुबानी जंग से माहौल फिर रोचक बन गया है। अभय सिंह पिछले कुछ दिनों से दुष्यंत पर जमकर सियासी हमले बोल रहे हैं। 2 दिन पहले अभय सिंह ने तो इतना तक कह डाला कि वह दिन दूर नहीं जब जजपा का भाजपा में विलय होगा। 

अभय का कहना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव से पीछे हटकर जजपा अब भाजपा में विलय कर लेगी। अभय सिंह ने कहा कि दुष्यंत के दादा ओमप्रकाश चौटाला हैं,उन्हें छोड़कर दुष्यंत ने रामकुमार गौतम को पहले दादा बनाया और अब किसी और दादा की तलाश में हैं। आमतौर पर इनैलो से अलग होने के बाद पारिवारिक विवाद पर कम बोलने वाले दुष्यंत ने भी चाचा के आरोपों पर पलटवार कर दिया। दुष्यंत ने कहा कि अभय सिंह चौटाला जजपा की ङ्क्षचता छोड़ें और अपनी पार्टी को संभालें। पिछले चुनाव में 19 सीटों पर जीत हासिल करने वाली इनैलो आज 1 सीट पर सिमट गई है। 

 गौरतलब है कि इसी माह इनैलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला 15 दिन के लिए फरलो पर जेल से बाहर आए थे। इस दौरान उन्होंने जिलास्तर पर बैठकों को संबोधित किया। प्रत्येक कार्यक्रम में चौटाला ने अपने पोते दुष्यंत चौटाला को टारगेट पर रखते हुए कहा कि दुष्यंत भाजपा से हाथ मिलाकर उप-मुख्यमंत्री बन गए,अगर इनैलो में रहते तो मुख्यमंत्री ही बनते। दादा की इस टिप्पणी पर दुष्यंत ने भी पलटकर जवाब दिया। दुष्यंत ने कहा कि अगर मुख्यमंत्री बनाना था तो पार्टी से निकाला ही क्यों? यही नहीं ओमप्रकाश चौटाला द्वारा यह कहने पर कि यह सरकार अपने बोझ से जल्द गिर जाएगी और प्रदेश में मध्यावधि चुनाव होने निश्चित हैं,इस पर भी दुष्यंत ने यह कहकर दादा को घेरने का प्रयास किया कि दादा के पास मध्यावधि चुनावों का क्या फार्मूला है जनता को बताएं?

Isha