SC के आदेश के बावजूद भी खोखली हो रही अरावली की पहाड़ियां, खनन मंत्री मामने को तैयार नहीं
punjabkesari.in Thursday, Sep 22, 2022 - 06:16 PM (IST)

सोहना(सतीश): सर्वोच्च न्यायालय ने करीब 20 वर्ष से रोक लगाई है कि अरावली पहाड़ी में खनन नहीं होनी चाहिए। लेकिन इसके बावजूद भी न्यायालय और एनजीटी के आदेशों की जमकर धज्जियां उडाई जा रही है। इस समय अरावली में अवैध खनन जोरों से किया जा रहा है। इसकी जानकारी भले सम्बन्धित अधिकारियों को ना हो लेकिन रात में चोरी से खनन किया जा रहा है। लेकिन इस बात को प्रदेश के खनन मंत्री मानने को तैयार नहीं है।
बता दें कि मंत्री अवैध खनन पर बड़ी सफाई से जबाब तो जरूर दे रहे है और यह भी मानने के लिए तैयार भी नहीं है कि अवैध खनन किया जा रहा है। लेकिन सीसीटीवी कैमरे में साफ दिख रही है कि किस तरह से डम्पर और जेसीबी लगाकर अरावली पहाड़ी में खनन किया जा रहा है। इससे अरावली ही खण्डित नहीं हो रही है। बल्कि हरियारी भी नष्ट हो रही है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि खनन मंत्री को यह बात नहीं समझ में आ रही है। उन्हें अवैध खनन करने वाले दिखाई नहीं दे रहे है। अगर दिखाई भी दे रहे है तो आपका विभाग नकेल क्यों नहीं कस रहा है।
वहीं खनन मंत्री का कहना है कि हरियाणा में नहीं बल्कि राजस्थान में खनन हो रहा है। लेकिन उन्हें बता देना चाहिए कि जब बीस सालों से माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अवैध खनन पर रोक लगाई हुई है तो फिर भोंडसी,रायसीना गैरतपुर बास के अलावा मेवात की सीमा से सटी हुई अरावली की पहाड़ी का चीर हरण कौन कर रहा है और ये अरावली गहरी खाई में तब्दील कैसे हो गई। साथ ही यह भी बता दीजिए की रायसीना नौरंगपुर रेवासन आदि क्रेसर जोन में जो पत्थर बिना नम्बर के डंपरों में चोरी से भरकर आ रहा है। इसका जिम्मेदार कौन है। आखिर प्रशासन इस पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रही है। अवैध खनन की वजह से अरावली पहाड़ी दिन-प्रतिदिन गहरी होती जा रही है। आगे देखने वाली बात होगी कि खनन मंत्री के तरफ से इस मामले को लेकर क्या कार्रवाई की जाती है।
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