हरियाणा में खुलेगा एग्रो बिजनेस स्कूल, कृषि मंत्री ने लिया निर्णय

2/20/2017 5:46:08 PM

चंडीगढ़: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने कहा है कि हरियाणा में एग्रो बिजनेस स्कूल खोलने का निर्णय लिया है ताकि सूचना प्रौद्योगिकी के बदलते परिदृश्य के अनुरूप किसान भी बाजार के कार्य चातुर्य सीख कर अपने उत्पादों को सीधे उपभोक्ताओं को बेच सके। इस दिशा में नाबार्ड, बैंकिंग व्यवस्था के साथ-साथ समाज के प्रबुद्घ लोगों को किसानों के सहयोग के लिए आगे आना होगा तभी हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं। ओम प्रकाश धनखड़ राष्ट्रीय सोमवार को चंडीगढ़ में  कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक हरियाणा क्षेत्रीय कार्यालय चण्डीगढ़ द्वारा आयोजित हरियाणा की विभिन्न योजनाओं के लिए वर्ष 2017-18 के स्टेट फोकस पेपर जारी करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। नाबार्ड ने हरियाणा के लिए वर्ष 2017-18 के  लिए 52274 करोड़ रुपये के फसल ऋण के प्रावधान के साथ कुल 118875 करोड़ रुपये की संभाव्यता ऋण योजना (स्टेट फोकस पेपर) जारी किया गया है जो गत वर्ष की राज्य ऋण की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। 

उन्होंने कहा कि किसानों को भी बाजार की मांग के अनुरूप अपने फसल चक्र, फसल प्रबंधन एवं फसल विपणन प्रबंधन की अवधारणा अपनानी होगी।  जब एग्रो टेक जैसे मेलों में भी बड़ी-बड़ी कम्पनियों के मालिक स्वयं स्टाल लगाकर अपने उत्पाद बेच रहे हैं तो किसानों को बाजार में न बैठने की अपनी सामाजिक मानसिकता बदल कर बेचने की कला सीखनी ही होगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों के दौरान हरित क्रांति के नाम पर जोखिम प्रबंधन की व्यवस्था किए बिना ही किसानों को आजीविका खेती से पूंजी सघन खेती की ओर धकेल दिया जिसके कारण आज देश के किसानों की स्थिति बदत्तर हुई है। और जोखिम फ्री व्यक्ति, जोखिम फ्री पशु व जोखिम फ्री गांव बनाने के वीजन के साथ योजनाएं तैयार की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री  अटल बिहारी वाजपेयी के समय किसानक्रेडिट कार्ड जारी करने की योजना आरंभ की गई और फसली ऋण 18 प्रतिशत से दो प्रतिशत लाया गया जिसे वर्तमान सरकार ने फसल ऋण को जीरो प्रतिशत किया है। 

कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का रूझान परम्परागत फसलों की बजाय बागवानी व अन्य नकदी फसलों की ओर हो, इसके लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में  पैरी-एग्रीकल्चर अवधारणा लागू करने का भी प्रस्ताव तैयार किया है ताकि दिल्ली सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में दूध, फल-फूल, सब्जी, दही अंडे व अन्य डेरी उत्पाद की मांग को पूरा किया जा सके। इसके अलावा, जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं।  140 गांवों को जैविक गांव घोषित किया गया है ताकि किसान समूह के माध्यम से अपने उत्पादों का ब्रांड बना कर उपभोक्ताओं तक पहुंचा जा सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा के किसानों में सामथ्र्य की कमी नहीं है जब वह ओलम्पिक में पदक ला सकता है, सियाचिन गलेश्यिर में माइनस 18 डिग्री तापमान में देश की सीमाओं की रक्षा कर परमवीर चक्र व अन्य शौर्य चक्र अपने नाम कर सकता है तो बाजार को क्यों नहीं पहचान सकता? केवल उनके विजन को समझने की आवश्यकता है। सरकार की नीतियों को नाबार्ड जैसी अन्य वित्तीय संस्थानों को किसानों की बेहतरी व संतुलन बनाने के लिए आगे आकर सहयोग देना होगा।