सांस लेने लायक नही रही हरियाणा के इस जिले की हवा, एक्यूआई हुआ 450 से क्रॉस

10/30/2020 4:16:17 PM

फतेहाबाद(रमेश): वातावरण में बढ़ते प्रदूषण के कारण जिले के हालत बद्तर हो चले हैं। आलम यह है कि फतेहाबाद की हवा स्वास्थ्य के लिहाज सांस लेने लायक नहीं रही। यह हम नहीं कह रहे हैं। यह प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़े बयां कर रहे हैं। वायुमंडल लगातार घुलता पराली के धुंए ने जैसे लोगों की सांसों पर ही पहरा बैठा दिया है। हालत ऐसी जाती है कि लोगों को न तो बाहर खुले में चैन की सांस आ रही है और न ही घरों के बंद कमरों में। पिछले कुछ दिनों आंकड़ों को देखे तो जिले एक्यूआई 516 के खतरनाक स्तर को छू चुका है जबकि पिछले एक सप्ताह से यह आंकड़ा 400 के आसपास लगातार बना हुआ है। ऐसे में अंदाजा लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है कि लोगों को किस कदर परेशानी का सामना करना पड़ रहा होगा।

सबसे बुरी हालत तो रात और सुबह सवेरे होती है जबकि एक्यूआई का स्तर अपने उच्चतम स्तर पर होता है। हवा में प्रदूषण का घनत्व इतना हो जाता है कि सांस भी ले पाना मुश्किल होता है। सुबह सवेरे सैर पर जाने वाले लोगों को भी अब सैर बंद करनी पड़ रही है क्योंकि सुबह सवेरे की प्राण दायिनी हवा अब जहरीली हो चली है। सरकारी आंकड़ों पर गौर करें तो जिले में 250 से अधिक स्थानों पर पराली जलने की घटनाएं हुई जिसमें करीब 144 एफआईआर भी हुई, लेकिन अब जैसे जैसे धान कटने का क्रम तेज हो रहा है वैसे वैसे ही हवा जहरीली होती जा रही है।

जानकारों की मानें तो अभी इससे अधिक प्रदूषण होगा जब इससे अधिक मात्रा में पराली जलाई जाएगी। वहीं सरकारी अधिकारियों का कहना है कि पराली पं्रबंधन को लेकर किसानों को जागरुक किया जा रहा है, पर्याप्त मात्रा में संसाधन भी उपलब्ध करवाए जा रहे हैं और पराली प्रबंधन करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार 1 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब प्रोत्साहन राशि भी देने की बात कह चुकी है किसान अब जागरुक हो रहे हैं। शासन और प्रशासन के इतर धरातल पर देखें तो तस्वीर कुछ और ही बयां कर रही है खैर अब दिन बाकी हैं आने वाले दिनों क्या हालत होती है देखने वाली बात होगी

पिछले एक सप्ताह में प्रदूषण का यह रहा स्तर
30 अक्टूबर - 476 एक्यूआई
29 अक्टूबर - 516 एक्यूआई
28 अक्टूबर -433 एक्यूआई
27 अक्टूबर -402 एक्यूआई
26 अक्टूबर -411 एक्यूआई
25 अक्टूबर -382 एक्यूआई
24 अक्टूबर -357 एक्यूआई

Isha