AJL प्लॉट आवंटन मामला, पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में हुई सुनवाई

7/16/2019 2:50:59 PM

पंचकूला (उमंग श्योराण): एजेएल प्लांट आवंटन मामले को लेकर पंचकूला की विशेष अदालत में आज सुनावाई हुई। जिसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीबीआई कोर्ट में पेश हुए, लेकिन AJL हाउस के चेयरमैन मोती लाल वोहरा कोर्ट नहीं पहुंचे। बता दें कि बचाव पक्ष द्वारा मामले में आरोपी मोतीलाल वोहरा के उम्र और मेडिकल कारणों के चलते परमानेंट एक्सेम्पशन के लिए लगाई गई याचिका को सीबीआई कोर्ट ने मंजूर किया था।

आज इस मामले में आरोपों पर बहस हुई और उससे पहले बचाव पक्ष को सीबीआई के सामने बचे हुए दस्तावेज सौंपने गए। जिसके बाद मामले की सुनवाई की अगली तारीख 6 अगस्त दी गी हैष। होंगे। आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तत्कालीन समय में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के चेयरमैन थे। वहीं आरोपी मोती लाल वोहरा AJL हाउस के चेयरमैन थे। प्लॉट आवंटन मामले में पंचकूला विशेष सीबीआई कोर्ट में चार्जशीट की स्क्रूटनी पहले ही पूरी हो चुकी है। 

1 दिसंबर को पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा और मोती लाल वोरा के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी। बता दें कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप है कि उन्होंने सीएम रहते हुए नेशनल हेराल्ड की सब्सिडी एसोसिएट्स जनरल लिमिटेड (एजेएल) कंपनी को 2005 में 1982 की दरों पर प्लॉट अलॉट करवाया।

साथ ही मानेसर लैंड सकैम मामले को लेकर भी पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में आज सुनवाई हुई। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर हुडा व अन्य आरोपी हुए कोर्ट में पेश हुए। लेकिन कार्ट ने मामले की अगली सुनवाई के तारीख 26 जुलाई तय की गई है। बता दें कि मामले मे पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित 34 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की गई थी। अब इस मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

जिसमें हुडडा के अलावा एम एल तायल, छतर सिंह , एस एस ढिल्लों, पूर्व डीटीपी जसवंत सहित कई बिल्डरों के खिलाफ चार्ज शीट में नाम आया है। मानेसर जमीन घोटाले को लेकर सीबीआइ ने हुड्डा सहित 34 के खिलाफ 17 सितंबर 2015 को मामला दर्ज किया था। इस मामले में ईडी ने भी हुड्डा के खिलाफ सितंबर 2016 में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। ईडी ने हुड्डा और अन्य के खिलाफ सीबीआइ की एफआइआर के आधार पर आपराधिक मामला दर्ज किया था। कांग्रेस लगातार इस कार्यवाही को सियासी रंजिश का नाम दे रही है।

लेकिन इस मामले में आरोप है कि अगस्‍त 2014 में निजी बिल्डरों ने हरियाणा सरकार के अज्ञात जनसेवकों के साथ मिलीभगत कर गुड़गांव जिले में मानसेर, नौरंगपुर और लखनौला गांवों के किसानों और भूस्वामियों को अधिग्रहण का भय दिखाकर उनकी करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दाम पर खरीद ली थी। कांग्रेस की तत्कालीन हुड्डा सरकार के कार्यकाल के दौरान करीब 900 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर उसे बिल्डर्स को औने-पौने दाम पर बेचने का आरोप है।

Edited By

Naveen Dalal