Delhi Blast: अल-फलाह यूनिवर्सिटी का चेयरमैन उगलेगा राज, कोर्ट ने 13 दिनों तक ED की हिरासत में भेजा

punjabkesari.in Wednesday, Nov 19, 2025 - 09:32 AM (IST)

दिल्ली (कमल कंसल) : अल-फलह यूनिवर्सिटी से जुड़े बड़े घोटाले में ईडी ने चेयरमैन जवाद अहमद सिद्दीकी को गिरफ्तार करने के बाद कोर्ट से 13 दिन की कस्टडी हासिल कर ली है। ये कार्रवाई छात्रों को फर्जी मान्यता दिखाकर ठगने और करोड़ों की कमाई करने के आरोपों पर हुई है।

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बता दें कि ED की टीम ने बीते दिन देर रात लगभग 11 बजे जावेद सिद्दीकी को उनके घर से गिरफ्तार किया था।  गिरफ्तारी की वजह और सभी दस्तावेज़ उनके वकील और पत्नी को दे दिए गए हैं। गिरफ्तारी PMLA की धारा 19 के तहत की गई है। दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 13 नवंबर को दो FIR दर्ज की थी। इन FIR में आरोप था कि  यूनिवर्सिटी ने फर्जी NAAC मान्यता दिखाई, खुद को UGC की धारा 12B में मान्यता प्राप्त बताया। जबकि UGC ने साफ कहा था कि यूनिवर्सिटी को ये मान्यता कभी नहीं मिली। ED के मुताबिक ये सब छात्रों और उनके परिवारों को गुमराह कर एडमिशन और फीस वसूलने के लिए किया गया। इन आरोपों को आधार मानकर ED ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की। 

 415 करोड़ रुपये गलत दावों से कमाए गए- ED का दावा

ED का दावा है कि 415 करोड़ रुपये गलत दावों से कमाए गए।  ED ने जांच में पाया कि 2014–2025 के बीच अल-फलह यूनिवर्सिटी और इससे जुड़े कॉलेजों ने 415.10 करोड़ रुपये की भारी आमदनी दिखाई। ये पैसा उन सालों में आया जब यूनिवर्सिटी के पास न NAAC मान्यता थी और न ही UGC की 12B मान्यता। मतलब छात्रों से एडमिशन और फीस गलत जानकारी देकर ली गई। इसलिए ED ने इस रकम को प्रोसीड्स ऑफ क्राइम यानी अपराध से कमाया हुआ पैसा बताया। जांच में ये भी सामने आया कि कई बार ये पैसा परिवार से जुड़ी कंपनियों और कॉन्ट्रैक्टरों के खातों में भेजा गया। 

ED के मुताबिक यूनिवर्सिटी के CFO ने अपने बयान में साफ कहा कि सभी बड़े वित्तीय फैसले स्वयं चेयरमैन जवाद सिद्दीकी लेते थे। ट्रस्ट, यूनिवर्सिटी और कॉलेजों की फाइनेंसिंग का पूरा कंट्रोल उन्हीं के हाथ में था। ED ने इसे जवाद सिद्दीकी की सीधी भूमिका का बड़ा सबूत बताया। ED की तरफ से पेश वकील ने कोर्ट में कहा कि मनी ट्रेल पूरी निकालने में अभी काफी और काम बाकी है। कई रिकॉर्ड और डिजिटल डेटा को सुरक्षित करना जरूरी है। आरोपी गवाहों को प्रभावित कर सकता है। उसके परिवार के कई सदस्य विदेश में रहते हैं। इसलिए भागने का खतरा भी है।  ED ने 14 दिन की कस्टडी मांगी थी। जवाद सिद्दीकी के वकील ने कहा कि FIR ही फर्जी है। 

आरोपी जांच में सहयोग करेगा। ED को 14 दिन नहीं, सिर्फ 7 दिन की कस्टडी दी जाए, लेकिन कोर्ट ने ये दलील नहीं मानी। कोर्ट ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है,जांच शुरुआती चरण में है। ED के पास कई दस्तावेज़ और लोगों से पूछताछ करना बाकी है। इसी आधार पर कोर्ट ने जवाद अहमद सिद्दीकी को 13 दिन की ED कस्टडी दे दी। यह कस्टडी 19 नवंबर से 1 दिसंबर 2025 तक दी गई है। 

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Content Editor

Manisha

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