UPSC एग्जाम में हरियाणा के इन छह होनहारों ने गाड़े सफलता के झंड़े, देखें किसकी आई कौन सी रैंक

4/16/2024 7:38:22 PM

हरियाणा डेस्क: यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC CSE) 2023 के लिए अंतिम परिणाम आज, यानी 16 अप्रैल, 2024 को घोषित कर दिया है। वहीं हरियाणा के लोगों ने भी साबित कर दिया है कि वो सिर्फ खेल में ही बल्कि पढ़ाई में किसी से कम नहीं हैं।

अभिलाष सुंदरम का 421वीं रैंक

बता दें कि बहादुरगढ़ के अभिलाष सुंदरम ने UPSC परीक्षा परिणाम में 421वीं रैंक हासिल की है। अपने चौथे प्रयास में अभिलाष ने ये सफलता पाई है। उसकी इस उपलब्धि से वह और उसका परिवार खुश है लेकिन सफर अभी खत्म नहीं हुआ है। अभिलाष का कहना है कि ऑल इंडिया में पहली रैंक हासिल करना उसका लक्ष्य है। उस लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास जारी रहेंगे।

शुभम सिंगला का 420 वां रैंक

वहीं कैथल के शुभम सिंगला ने UPSC में 420 रैंक हासिल किया है। आपको बता दें कि शुभम के माता-पिता रिटायर्ड टीचर है, पढ़ाई के साथ सोशल मीडिया पर भी काफी एक्टिव रहते थे। और अब बेटे का रैंक आने का बाद से खुश नजर आ रहे हैं।

साहिल ढिल्लों का 729 वां रैंक

नरवाना का छोरा साहिल ढिल्लो का भी UPSC में सिलेक्शन हो गया है। साहिल ढिल्लों ने  UPSC में 729 वां रैंक हासिल किया है। साहिल ढिल्लो मधुबन में DSP की ट्रेनिंग ले रहें हैं। बता दें कि साल 2022 में साहिल का एकसाइज टैक्स अधिकारी में चयन हुआ था। वहीं 2023 में उनका डीएसपी के लिए चयन हुआ था। साहिल ढिल्लो के चाचा शमशेर सिंह हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण में एसडीई है। साहिल के पिता धर्मवीर जी शिक्षा विभाग से रिटार्यड हैं। साहिल की पढ़ाई एसडी स्कूल नरवाना से हुई है, जिसके बाद ग्रैजुएशन के लिए वो दिल्ली यूनिवर्सिटी चले गए।

आशीष बिश्नोई का 652 वां रैंक

आदमपुर के गांव सदलपुर के आशीष बिश्नोई को 652 वां रैंक मिला है। फिलहाल आशीष इंडियन फॉरेस्ट सर्विसेज में बतौर डारेक्टर हैं।

शौर्य अरोड़ा का 14वां रैंक

बहादुरगढ़ के रहने वाले शौर्य अरोड़ा ने यूपीएससी परीक्षा में अपने दूसरे प्रयास में 14 वां रैंक हासिल किया है। इसी परीक्षा में बहादुरगढ़ के ही शिवांश राठी ने 63 वां और अभिलाष सुन्दरम ने 421 वां रैंक हासिल कर लिया है। शौर्य अरोड़ा ने आईआईटी बॉम्बे से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की हुई है। आईआईटी में भी शौर्य की 432 वीं रैंक आई थी।पढाई में शुरू से ही प्रतिभाशाली रहे शौर्य ने बचपन से ही आईएएस बनने का सपना देखा था। शौर्य के पिता भूषण अरोड़ा भी यूपीएससी की परीक्षा दे चुके हैं लेकिन सफलता नहीं मिली तो बेटे में अपना सपना जीने लगे थे। शौर्य का कहना है कि सही मार्गदर्शन में बिना कोचिंग के भी सफलता मिलती है। वो हर रोज करीबन 7 घंटे पढ़ाई किया करता था। पेपर के दिनों में 10 घंटे तक भी पढ़ाई की है। शौर्य का कहना है कि उसकी सफलता में उसके पूरे परिवार का सहयोग और भावनात्मक साथ रहा है।

डा. तरुण पाहवा का 231वां रैंक

चरखी दादरी निवासी डा. तरुण पाहवा ने यूपीएससी परीक्षा में चौथे प्रयास में सफलता पाई है। ये उनका चौथा प्रयास रहा और इसमें 231वीं रैंक उन्होंने हासिल की। 27 वर्षीय डॉ. तरुण पाहवा को आईपीएस कैडर मिलने की उम्मीद है। तरुण ने तीन साल की मेहनत में ये मुकाम पाया है और उनके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। तरूण ने जहां बिना कोचिंग के घर बैठकर तैयारियां की वहीं सोशल मीडिया से भी दूरी बनाये रखी। बेटी की उपलब्धि पर परिजनों ने मिठाइयां बांटकर खुशियां मनाई।

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Content Editor

Nitish Jamwal