अमित शाह के ‘मिशन-2019’ के मूलमंत्र पर चले खट्टर

7/7/2018 12:16:43 PM

सिरसा(संजय अरोड़ा): अगले वर्ष होने वाले हरियाणा विधानसभा व लोकसभा चुनावों के मद्देनजर प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा ‘मिशन-2019’ के दिए मूलमंत्र पर चलते हुए जहां राज्य की सभी 10 संसदीय सीटों के मतदाताओं का मूड जानने व कार्यकर्ताओं में जोश भरने के साथ-साथ पिछले चुनावों में पराजित हुई 3 संसदीय सीटों सिरसा, हिसार व रोहतक पर भी विशेष तौर पर फोकस शुरू कर दिया है तो वहीं ‘एक नई शुरूआत-मुख्यमंत्री से सीधी बात’ कार्यक्रम के तहत जनता से भी सीधे रू-ब-रू होने का सिलसिला शुरू किया है। 

गौरतलब है कि 2014 के संसदीय चुनाव में भाजपा हरियाणा की 10 में से 7 सीटें जीतने में कामयाब रही थी, मगर हरियाणा की सियासत के धुंरधर माने जाने वाले दिग्गज नेताओं के गृह क्षेत्रों में भाजपा को पराजय का सामना करना पड़ा था।इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला के गृह क्षेत्र सिरसा, स्व. भजन लाल परिवार के गृह क्षेत्र हिसार व पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के गढ़ माने जाने वाले रोहतक संसदीय सीट पर भाजपा की हार हुई थी।
 

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने पिछले हरियाणा दौरे दौरान जहां मनोहर लाल खट्टर को ही पार्टी की ओर से अगली चुनावी पारी का ‘सिकंदर’ घोषित किया तो वहीं उन्हें पिछली बार जीती 7 सीटों के साथ-साथ हारी हुई तीनों सीटों पर जीत दर्ज करने का मूलमंत्र दिया। शाह ने सी.एम. खट्टर के समक्ष प्रदेश की सभी 10 संसदीय सीटें जीतने के साथ-साथ हरियाणा में भी फिर से भाजपा की सरकार बनाने का लक्ष्य भी रखा।

सिरसा, हिसार व रोहतक सीटों पर खास फोकसपार्टी अध्यक्ष अमित शाह के इसी लक्ष्य को हासिल करने व उनके दिए मूलमंत्र को सार्थक करने की दिशा में सी.एम. खट्टर ने पार्टी नेताओं के साथ-साथ कार्यकत्र्ताओं व जनता से सीधा संवाद करने व फीडबैक लेने का सिलसिला शुरू कर दिया है। चूंकि संसदीय चुनाव पहले होने हैं, इसलिए यूं तो वे हरियाणा की सभी सीटों पर पार्टी को जीत दिलवाने की कवायद में जुट गए हैं परंतु सिरसा, हिसार व रोहतक सीटों पर इस दफा कुछ ज्यादा ही फोकस किया जा रहा है। 

मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री इन संसदीय क्षेत्रों के तहत आने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों से पार्टी विधायकों और उम्मीदवार रहे नेताओं को अलग से बुलाकर जहां उन्हें पार्टी की मजबूती हेतू जुट जाने का आह्वान कर रहे हैं और मुख्यमंत्री आवास पर उनसे ‘चाय पर चर्चा’ भी करते हैं तो वहीं उनसे संभावित मजबूत उम्मीदवारों के बारे में फीडबैक भी ले रहे हैं। यही नहीं सी.एम. अलग-अलग जिलों के विधानसभा क्षेत्रों में जाकर कार्यकत्र्ताओं से भी अलग-अलग मिलने के साथ-साथ खुले दिल से उनके घरों व प्रतिष्ठानों पर जलपान भी कर रहे हैं। भाजपा सूत्रों का कहना है कि सी.एम. का प्रयास यही रहता है कि जिस क्षेत्र में जाएं वहां रात्रि विश्राम भी अवश्य किया जाए।

नाराजगियां भी कर रहे दूर
पिछले लगभग पौने 4 वर्ष से हरियाणा में सत्तारूढ़ हुई भाजपा के शासन में नाराज चल रहे कार्यकत्र्ताओं व नेताओं को मनाने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को जैसे ही इस बात का संकेत मिलता है कि फलां क्षेत्र में पार्टी का फलां नेता व कार्यकर्ता किसी कारण से निराश व नाराज है तो उससे तुरंत मुख्यमंत्री खुद संपर्क करके उसकी नाराजगी दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।

कहीं किसी स्थान पर पार्टी के नेताओं में आपसी खींचतान चल रही है तो उस स्थिति में भी सी.एम. खट्टर स्वयं मध्यस्तता करते हुए उन नेताओं को एक साथ बैठाकर उनके गिलवे शिकवे समाप्त करवा रहे हैं। सी.एम. के इन प्रयासों का अगले चुनाव में पार्टी को कितना लाभ होगा यह तो आने वाले समय में पता लगेगा, मगर फिलहाल इस दिशा में उनके कदम तेजी से बढ़ते अवश्य नजर आ रहे हैं।

दूसरे दलों के नेताओं पर भी नजर
हरियाणा की सभी 10 संसदीय सीटों पर मजबूत उम्मीदवार उतारने की रणनीति में जुटे सी.एम. मनोहर लाल खट्टर द्वारा पार्टी के बड़े नेताओं से मंथन प्रक्रिया के दौरान यह भी जानने का प्रयास किया जा रहा है कि किन सीटों पर पुराने उम्मीदवार प्रभावी रह सकते हैं और किन सीटों पर नए चेहरों को उतारा जा सकता है। 
 

भाजपा सूत्रों का कहना है कि कम से कम 5 संसदीय सीटों पर नए चेहरे उतारे जा सकते हैं। यही नहीं पार्टी की निगाह अन्य दलों में बैठे कुछ ऐसे नेताओं पर भी है जो अपने संसदीय क्षेत्रों में प्रभाव रखने के साथ-साथ अपनी पार्टियों से नाराज चल रहे हैं। वक्त आने पर ऐसे नेताओं को पार्टी में लाकर संसदीय चुनाव लड़वाया जा सकता है।
 

Deepak Paul