पराली जलाने पर अब तक पौने तीन लाख का जुर्माना, किसानों ने किया आंदोलन का ऐलान

11/20/2019 6:02:59 PM

यमुनानगर(सुमित ओबेरॉय): पराली जलाने के मामले को लेकर जिला प्रशासन सख्त हो चुका है। कृषि विभाग द्वारा लगातार पराली जलाए जाने के मामले में अबतक 109 चालान किए गए हैं। वहीं दो किसानों को गिरफ्तार भी किया गया और अबतक 2 लाख 72 हजार 500 का जुर्माना भी वसूला गया है। कृषि विभाग के अधिकारी ने पराली जलाने की सूचना देने वालो को भी 1 हज़ार रुपए ईनाम राशि दी जा रही है। वहीं किसानों ने इस कार्रवाई की निंदा करते हुए बड़ा आंदोलन करने की बात कही है।

एफल की रिपोर्ट के मुताबिक, जिले में 268 केस ऐसे पाए गए हैं जहां पर पराली जलाई गई है, इसमें से 143 केस ऐसे हैं, जहां पर एग्रीकल्चर लैंड नहीं थी यहां फायर लोकेशन नहीं पाई गई थी। इसके साथ-साथ हमने 17 एफआईआर दर्ज की गई है। इसमें 2 किसानों को गिरफ्तार किया गया है। लगभग 109 किसानों के चालान काटे गए हैं।



अधिकारी ने बताया कि हर चार-पांच दिन बाद उच्च अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से गतिविधियों के बारे में जानकारी लेते हैं। जिले के सेंसेटिव एरिया में एक नोडल अफसर तैनात किया है ताकि कोई भी इस तरह की घटना ना घटे। उन्होंने बताया कि जो किसान पराली मैनेजमेंट करता है, गवर्नमेंट की तरफ से उसको इंसेंटिव सौ रूपये प्रति क्विंटल दिया जाएगा। 



किसान मजबूरीवश जलाते हैं पराली
वहीं पराली जलाने को लेकर प्रशासन की कार्रवाई पर किसानों को कहना है कि अगर पर्यावरण के नजरिए से देखा जाए तो यह उचित है कि पराली नहीं जलानी चाहिए। लेकिन किसान के सामने बहुत मजबूरियां हैं अगर पराली नहीं जलाएंगे तो खेत में 5 से 6 हजार का खर्च आता है। किसानों का कहना है कि सरकार पराली किसानों से खरीदे या किसानों को ऐसा प्वाईंट बता दे, जहां जहां इसकी बिक्री हो जाए और किसान के जेब में दो पैसे भी आ जाएं।



किसानों ने कहा सरकार ने दिया है लॉलीपॉप
पराली मैनेजमेंट के लिए 100 रूपये प्रति क्विंटल देने के ऐलान को किसानों ने सरकार का लॉलीपाप करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह लॉलीपॉप है सरकार ने पहले भी कई बार घोषणा की थी, लेकिन यह सरकार किसी भी अपने फैसले पर खरी नहीं उतरी, सरकार को भी चाहिए कि ईमानदारी से आगे आएं तो किसान भी उनका साथ देने के लिए तैयार हैं।

रद्द हो एफआईआर, माफ हो जुर्माना
किसानों का कहा माना कि पराली जलाने से प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन हरियाणा के अंदर कितनी फैक्ट्रियां हैं, जिनका कोई मापदंड नहीं है। वे 12 महीने प्रदूषण फैला रही हैं, इनकी तरफ सरकार ध्यान नहीं देती। किसानों ने एकसुर में कहा कि हम तो भारतीय किसान संघ की तरफ से मांग करते हैं कि जिन किसानों पर जुर्माना हुआ है वह माफ होना चाहिए और एफआईआर भी रद्द होनी चाहिए। वरना किसान इसके लिए आंदोलन करेगा।

Shivam