संविधान के दायरे में रहकर सुझाव दें अमरेंद्र सिंह: बीरेंद्र सिंह

7/22/2018 11:30:49 AM

रोहतक: केंद्रीय इस्पात मंत्री बीरेंद्र सिंह ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह को संविधान के दायरे में रहकर ही अपने सुझाव देने चाहिएं। अमरेंद्र सिंह पहले भी पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उन्होंने विधानसभा में प्रस्ताव पास कर 2004 में पड़ोसी राज्यों के साथ नहरों का पानी बांटने का समझौता तोड़ दिया था। बीरेंद्र सिंह शनिवार को दीनबंधु सर छोटूराम स्मारक सांपला में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में जस्टिस ए.आर. दवे की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बैंच ने कहा कि पंजाब टर्मिनेशन ऑफ एग्रीमैंट एक्ट 2004 असंवैधानिक बताया था और कहा था कि पंजाब को ऐसा एक तरफा निर्णय लेकर पड़ोसी राज्यों से नहरों के पानी के बंटवारे को रोकने का कोई अधिकार नहीं है। पंजाब ने उस दौरान संवैधानिक मान्यताओं को ताक पर रखकर कानून बनाया था।

सर्वोच्च न्यायालय हरियाणा के हक में फैसला दे चुका है जिसके तहत हरियाणा का रावी-ब्यास नदी के 3.55 मिलियन एकड़ फीट पानी पर अधिकार है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के क्रियान्वयन के लिए हरियाणा सरकार ने याचिका दायर कर रखी है। चौ. बीरेंद्र सिंह ने कहा कि शाह कमीशन ने चंडीगढ़ को हरियाणा को दे दिया था लेकिन बाद में विकास के चलते स्थिति यह थी कि चंडीगढ़ न तो पंजाब का है और न ही हरियाणा का। 

जब हरियाणा का गठन हुआ तो सबसे पहले चंडीगढ़ हरियाणा की राजधानी बना था। संसद में राहुल गांधी ने जो कुछ किया उससे उनका उतावलापन झलकता है। लगता है राहुल गांधी शालीनता की सीमाएं लांघ गए थे। स्मारक में पार्क आदि बनाने का कार्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। इससे पहले स्मारक पर छोटूराम विचार मंच की बैठक आयोजित कर प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त तक के.एम.पी. का काम पूरा हो जाएगा। 

Deepak Paul