खुली जेल बनाने की घोषणा, कागजों में अटकी रह गई योजना

1/31/2018 11:32:17 AM

अम्बाला(ब्यूरो): करीब डेढ़ साल पहले तत्काल जेल महानिदेशक यशपाल सिंघल ने अम्बाला में कहा था कि यहां बनाई जाने वाली पहली खुली जेल का ब्लू प्रिंट तैयार हो गया है। जेल के बेहतर आचरण वाले कैदियों को वहां स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा था कि हरियाणा की यह पहली खुली जेल अन्य राज्यों की खुली जेलों से कई मायनों में अलग होगी।

करीब 6 महीने पहले जेल मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने भी ऐलान किया था कि उनका विभाग पायलट प्रोजैक्ट के रूप में अम्बाला में खुली जेल विकसित करेगा लेकिन अभी तक मामला सरकारी कागजों में ही अटका पड़ा है। जेल विभाग के आला अधिकारी व विभाग के मंत्री के कहने के बाद अम्बाला जेल के अच्छे आचरण वाले कई कैदियों को उम्मीद बंधी थी। उनको लगा कि बकाया सजा जेल की सलाखों से बाहर खुली हवा में काटने का मौका मिलेगा लेकिन फिलहाल वे मायूस हैं।
 

देश में 63, हरियाणा में एक भी खुली जेल नहीं
करीब 2 महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र सरकार को कहा था कि कि वह अगले 2 महीनों में सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के जेल महानिदेशकों की बैठक बुलाकर राज्यों में खुली जेल बनाने पर विचार करें। एन.सी.आर.बी. के आंकड़ों के मुताबिक इस समय देश के विभिन्न राज्यों में 63 खुली जेलें हैं लेकिन हरियाणा में एक भी इस तरह की जेल नहीं है। ऑल इंडिया कमेटी ऑफ जेल रिफार्म ने भी सभी राज्यों को खुली जेलें बनाने की सिफारिश की थी।

करनाल व फरीदाबाद में खुली जेल बनाने का फैसला
पिछले साल अम्बाला में खुली जेल बनाने का फैसला किया गया था लेकिन बाद में सरकार ने करनाल व फरीदाबाद में खुली जेल बनाने का फैसला किया। इसकी वजह अम्बाला में खुली जेल के लिए पर्याप्त जगह का उपलब्ध न होना माना जा रहा है।

खुली जेल के कैदी की पात्रता
अन्य राज्यों में बनी खुली जेलों में वही कैदी स्थानांतरित किए जाते हैं जिनका आचरण अन्य कैदियों के मुकाबले में काफी अच्छा रहा हो, जो अपनी सजा का ज्यादातर हिस्सा काट चुके हों। आमतौर पर विचाराधीन कैदियों को खुली जेल में नहीं रखा जाता।