हरियाली पर कुल्हाड़ी: सड़कों के विस्तार के नाम पर सालभर में काट दिए 10,000 पेड़

4/14/2019 5:04:03 PM

सोनीपत (स.ह.): लगातार बढ़ते जा रहे कंक्रीट के जंगलों की वजह से सोनीपत जिले में हरियाली का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है। पिछले एक साल में ही सड़कों के विस्तारीकरण अभियान के तहत 10 हजार से अधिक पेड़ों पर कुल्हाड़ी चल चुकी है। कभी हरे-भरे दिखाई देने वाले सड़कों के किनारे अब पेड़ों के कटे हुए अवशेष व ठूंठल ही नजर आ रहे हंै। इस सब का प्रतिकूल प्रभाव पर्यावरण के साथ-साथ सड़कों से गुजरने वाले वाहन चालकों और राहगीरों पर भी पड़ रहा है। 

दरअसल, पिछले सालों से प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। एन.जी.टी. भी सोनीपत सहित एन.सी.आर. के जिलों में बढ़ते प्रदूषण के स्तर पर ङ्क्षचता जता चुकी है परन्तु सोनीपत में पिछले कुछ समय से सड़कों के विस्तारीकरण पर काफी जोर दिया जा रहा है। जी.टी. रोड सहित विभिन्न सड़कों पर अतिरिक्त लेन बनाई जा रही है जिसका खमियाजा पर्यावरण को भुगतना पड़ रहा है। 

सोनीपत-रोहतक-झज्जर रोड पर 6 हजार पेड़ों की चढ़ी बलि 
सोनीपत जिले में पिछले एक साल में सबसे अधिक पेड़ उत्तर प्रदेश सीमा से शुरू होने वाले सोनीपत-रोहतक-झज्जर रोड के निर्माण कार्य की वजह से कटे हैं। उक्त सड़क मार्ग के निर्माण के चलते करीब 5975 पेड़ जिले की सीमा के अंतर्गत काटे जा चुके हैं। इसके अतिरिक्त सोनीपत-राठधाना-नरेला रोड के विस्तारीकरण के चलते आई.टी.आई. चौक से सफीयाबाद गांव तक 1100 से अधिक पेड़ काटे जा चुके हैं। गोहाना ब्लाक के अंतर्गत आने वाली सड़कों के किनारों से भी पेड़ों की कटाई की जा रही है। गोहाना-पानीपत रोड पर 370 के करीब पेड़ काटे जा चुके हंै जबकि गोहाना-जींद रोड के विस्तारीकरण की भेंट 1000 से अधिक पेड़ चढ़ चुके हंै। जी.टी. रोड पर भिगान के पास से 200 से अधिक पेड़ों की कटाई सड़क के विस्तारीकरण की वजह से हुई है। यही नहीं सोनीपत जिले से दिल्ली-जम्मू-कटरा एक्सप्रैस-वे भी गुजरने वाला है। उक्त प्रोजैक्ट के अंतर्गत भी हजारों पेड़ों के कटने की सम्भावना जताई जा रही है। 

अधर में लटका हुआ है खुर्मपुर गांव का प्रोजैक्ट 
सोनीपत और दिल्ली-एन.सी.आर. क्षेत्र मेें बढ़ते प्रदूषण के स्तर को कम करने के लिए वन विभाग द्वारा स्पैशल जंगल तैयार करना है परन्तु लम्बा समय बीत जाने के बावजूद करीब 50 एकड़ का यह प्रोजैक्ट सिरे नहीं चढ़ पा रहा है। इसके अतिरिक्त मुरथल में बनने वाला सिटी वन भी अपने तय समय से पीछे चल रहा है। करीब 150 एकड़ में तैयार होने वाले इस सिटी फॉरैस्ट के बनने के बाद क्षेत्र में हरियाली का ग्राफ बढऩे की उम्मीद जताई जा रही है। सड़कों के विस्तारीकरण की वजह से वन विभाग का क्षेत्र काफी कम होता जा रहा है। हालांकि सोनीपत-गोहाना-जींद रेलमार्ग के बनने के बाद रेलमार्ग के साथ वन विभाग ने नई ग्रीन बैल्ट तैयार करने में कामयाबी प्राप्त कर ली है। 

Shivam