ISI जासूस बने भारतीय युवक के पिता आएं सामने, बेटे के लिए कही हैरान करने वाली बात
4/18/2018 4:57:35 PM
रोहतक(ब्यूरो): अाईएसअाई और पाकिस्तान का जासूस बने भारतीय युवक गौरव के पिता का कहना है कि मैंने कारगिल युद्ध में अपनी मातृभूमि के लिए पसीना बहाया है। रिटायर्ड होने के बाद भी सेना से जुड़ा हुं। जो देश का दुश्मन है वह मेरा भी है। लेकिन मुझे मेरे बेटे गौरव पर इतना यकीन है कि वह किसी भी सूरत में देश से गद्दारी नहीं कर सकता।
मुख्यधारा की सेना से रिटायर होने के बाद टेरिटोरियम आर्मी दिल्ली में सेवा दे रहे जयकिशन ने बेटे गौरव के पकड़े जाने के बाद खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा कि जो जब गौरव सर्विस में ही नहीं है तो वह सेना की गोपनीय जानकारी कहां से देगा। उनका कहना है कि बेटे को हनीट्रेप में विदेशी महिला ने फंसाया है। मुझे विश्वास नहीं है कि उसने देश की सेना से जुड़ी कोई भी गोपनीय जानकारी आईएसआई को दी।
क्योंकि मेरा पूरा परिवार सेना के भरोसे ही रोटी खाता है। बेटे को मैंने सेना की तैयारी करने के लिए ही गन्नौर से रोहतक भेजा था। वह बचपन से ही सेना में भर्ती होने की चाहत रखता था। ऐसे में वह अपने सपने को चकनाचूर करके देश से गद्दारी नहीं कर सकता। यह जल्द ही कोर्ट में साबित भी होगा। पुलिस के पास अभी तक गौरव के खिलाफ कुछ भी पुख्ता सबूत नहीं है।
रिटायर्ड होने के दो साल बाद ही लौटे सेना में
वर्ष 1993 में सेना में ज्वाइन करने वाले गौरव के पिता ने 1999 में हुए कारगिल युद्ध में भी अपनी अहम भूमिका निभाई। कारगिल वार के दौरान उनकी जम्मू कश्मीर में ही पोस्टिंग थी। इस दौरान जयकिशन ने हथियारों की सिक्योरिटी, जवानों के खाने पीने का इंतजाम, रास्ता साफ करने सहित अन्य तरह से भूमिका निभाई। जयकिशन वर्ष 2013 में सेना से रिटायर्ड हुए थे। इसके दो साल बाद उन्होंने फिर से सेना ज्वाइन की।
गौरव खुद फौज में भर्ती होना चाहता है, नहीं कर सकता गद्दारी
जयकिशन का कहना है कि वह अपने बेटे गौरव को हमेशा से फौज में देखना चाहते थे। वह इसकी तैयारी भी कर रहा था। इसी के चलते उसे रोहतक की एकेडमी में दाखिला भी दिलवाया था। मैं गौरव के खाते में हर महीने किराए और खाने पीने के लिए रुपये डालता था। मैंने ही 15 दिन पहले उसका बैंक में खाता खुलवाया था। इससे पहले उसके दोस्त के खाते में रुपए डालता था। यदि उसे पैसों की तंगी होती तो वह मुझसे कहता। पैसों के लिए किसी आईएसआई की एजेंट को सेना से जुड़ी गोपनीय जानकारी नहीं भेजता। उस महिला ने गौरव को हनीट्रेप के माध्यम से अपने जाल में फंसाया है। इसके बाद पंजाब वाले आरोपी रवि ने गौरव को भी अपने साथ घसीट लिया।
दसवीं में तीन बार फेल हुआ वह सेना की गोपनीय जानकारी क्या देगा
जयकिशन का दावा है कि 20 वर्षीय गौरव में अभी तक बचपना है। जो युवक दसवीं कक्षा में तीन बार फेल हो चुका हो वह सेना की गोपनीय जानकारी आईएसआई को क्या देगा। पूरा मोहल्ला गौरव के बारे में कुछ भी गलत नहीं बोलता है। उसने सिर्फ एक गलती की कि भर्ती के दौरान की फोटो फेसबुक पर शेयर की।
जयकिशन का कहना है कि यदि उसके बेटे और या मेरे खाते में करोड़ों रुपये जमा होते तो कुछ हद तक शक जाहिर भी किया जा सकता है। मैं अपने तीनों बैंक खाते और अपने बेटे के दोनों बैंक खाते दिखाने को तैयार हूं। खातों में मौजूद एक एक रुपया मेहनत से कमाया हुआ है। मेरे परिवार को देश के साथ गद्दारी करके रोटी खाने की आवश्यकता नहीं है।