30 अप्रैल तक बंद रहेंगे आंगनवाड़ी केंद्र, लाभार्थियों के दरवाजे पर प्रदान करनी होंगी सेवाएं

4/10/2021 7:46:06 PM

चण्डीगढ़ (धरणी): हरियाणा सरकार ने कोविड-19 महामारी की वर्तमान स्थितियों को ध्यान में रखते प्रभावी नियंत्रण हेतु विभिन्न मानदंडों व दिशानिर्देशों के तहत विभिन्न गतिविधियों को विनियमित करने और प्रतिबंधित करने का निर्णय लिया है। इस संबंध में हरियाणा के वित्तायुक्त और राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजीव कौशल ने राज्य के सभी प्रशासनिक सचिवों, हरियाणा पुलिस महानिदेशक, हरियाणा राज्य में सभी मंडल आयुक्तों और राज्य के सभी उपायुक्तों को एक आदेश-पत्र जारी किया है।

कौशल ने आंगनवाड़ी केंद्रों और क्रेच के संबंध में बताया कि इसी प्रकार राज्य सरकार ने आगामी 30 अप्रैल, 2021 तक महिला एवं बाल विकास विभाग के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों और क्रेच को बंद करने का निर्णय लिया है। जिला कार्यक्रम अधिकारियों और महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे लॉकडाउन की अवधि की तरह ही आंगनवाड़ी केंद्रों के काम करने की प्रक्रिया का पालन करें और आईसीडीएस की सभी सेवाएं लाभार्थियों के दरवाजे पर प्रदान करें, जिसमें पूरक पोषण आहार कार्यक्रम का वितरण भी शामिल है।

वित्तायुक्त ने बताया कि कोविड से बचाव के मानदंडों के सख्त पालन के साथ टीकाकरण के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों पर लाभार्थियों को बुलाया जाएगा जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क का उपयोग और स्वच्छता जैसे उपायों को आंगनवाड़ी केंद्रों में लाभार्थियों को अपनाना होगा। इसके अलावा, केंद्र में कोविड -19 के उचित व्यवहार के कड़ाई से अनुपालन के साथ किसी भी समय 20 से अधिक व्यक्तियों को एकत्रित करने की अनुमति नहीं होगी।

उन्होंने स्कूलों में कक्षा प्रथम से आठवीं के लिए अवकाश करने के संबंध में बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी व प्राईवेट स्कूलों में प्रथम कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक आगामी 30 अप्रैल, 2021 तक अवकाश रखने का निर्णय लिया है। हालांकि, शिक्षक बिना किसी बदलाव के स्कूलों में आएंगे और अपने प्रशासनिक कार्यों जैसे कि परिणाम की तैयारी, प्रवेश और अन्य कार्य प्रक्रियाएँ बिना किसी बदलाव के जारी रहेंगी। 

क्रियान्वयन/दंडात्मक उपायों के संबंध में उन्होंने बताया कि संबंधित उपायुक्त इन निर्देशों/दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए संयुक्त निरीक्षण दल का गठन करेंगे और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी किए गए कानून/नियमों / निर्देशों व दिशानिर्देशों के अनुसार उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ व्यापक जाँच और कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे। ये निर्देश उपायुक्तों द्वारा अपने-अपने जिलों में लागू किए जाएंगे और किसी भी उल्लंघन के लिए राष्ट्रीय प्रबंधन और अपराध के अनुसार भारतीय दंड संहिता, 1860 की धारा 188 और आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के प्रावधानों के तहत दंडनीय होगा। उन्होंने बताया कि इन निर्देशों का सख्त अनुपालन सभी संबंधितों द्वारा सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
 

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Content Writer

Shivam