आंगनबाड़ी वर्कर व हेल्पर ने विधायक आवास के सामने दिया धरना, सौंपा ज्ञापन

2/20/2018 11:57:57 AM

कुरुक्षेत्र(ब्यूरो): हम क्या चाहते हैं इंसाफ, इंसाफ के आगे झुकना पड़ेगा, हमारी मांगें पूरी करो, यह सरकार निकम्मी है, यह सरकार बदलनी है... नहीं किसी से भीख मांगते, हमारा हक मांगते हैं.... जैसे नारों के बीच आंगनबाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स ने सोमवार को भाजपा विधायक सुभाष सुधा के आवास के बाहर हल्ला बोला और उनको अपनी मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। भाजपा विधायक ने आंगनबाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स को भरोसा दिलाया कि वह उनकी मांगें सरकार तक पहुंचाएंगे तथा मुख्यमंत्री से बात करके सरकार के साथ उनकी बैठक करवाएंगे। विधायक ने कहा कि वह किसी जरूरी काम से चंडीगढ़ गए हुए थे तथा जैसे ही उन्हें पता चला कि उनके आवास के बाहर महिलाएं धरना दे रही हैं तो तुरंत वापस आ गए। उन्होंने कहा कि वह आंगनबाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स की मांगों को पूरा करवाने की पूरी कोशिश करेंगे।

सरकारी कर्मचारी घोषित करने व न्यूनतम वेतन लागू करने की मांगों को लेकर जिला भर की आंगनबाड़ी वर्कर्स, हैल्पर्स व खाना बनाने वाली मदर ग्रुप की महिलाओं द्वारा दिया जा रहा धरना प्रदर्शन सोमवार को 8वें दिन भी जारी रहा। आंदोलनरत महिलाएं सोमवार को नए बस अड्डे के पास एकत्रित हुईं और वहां से सरकार के खिलाफ नारेबाजी व प्रदर्शन करते हुए विधायक सुभाष सुधा के आवास पर पहुंची। यहां महिलाओं ने धरना दिया व प्रदर्शन किया।

धरने का नेतृत्व करते हुए आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन की जिला सचिव कलावती ने कहा कि जब से आंगनबाड़ी बनी हैं, हमारा शोषण होता रहा है। सरकारें आती-जाती रहीं लेकिन किसी ने भी आंगनबाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स की आवाज को नहीं सुना। वेतन बढ़ाने के नाम पर 100-200 रुपए बढ़ाकर अपनी कर्तव्य की इतिश्री कर ली गई। मजबूरन उन्हें अपने हकों के लिए सड़कों पर उतरना पड़ा। अब वह अपना हक लेकर ही रहेंगी। यह आंदोलन पूरे हरियाणा में किया जा रहा है। 

यूनियन की नेता परमजीत ने कहा कि वैसे तो महिलाओं को माता, जननी व पूजनीय बताया जाता है, आज महिलाओं को ही अपने हक लेने के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। उन्हें धरना देते हुए 8 दिन हो गए लेकिन किसी ने भी उनके पास आकर उनकी दिक्कतें जानने की कोशिश नहीं की। उन्होंने केंद्र व प्रदेश सरकार को महिला विरोधी बताया। आंगनबाड़ी वर्कर यूनियन की नेता बलजीत ने कहा कि जब सरकार उनसे सरकारी कर्मचारियों के समान काम लेती है तो उन्हें सरकारी कर्मचारी क्यों नहीं घोषित करती। उन्होंने मांग रखी कि जब तक उन्हें कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता तब तक उन्हें सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन आंगनबाड़ी वर्कर को 18000 रुपए व हैल्पर को 15000 रुपए वेतन दिया जाए।