खेत खलियान उपलब्धि: अनिल ने प्रदेश में बजाया रेवाड़ी का डंका , सब्जी उत्पादन में मिला पहला स्थान

4/19/2022 1:40:29 PM

रेवाड़ी (महेंद्र भारती) : गांव दखोरा के रहने वाले किसान अनिल कुमार ने प्रदेश भर में अपनी सब्जी उत्पादन में गुणवत्ता का डंका बजाया है। करनाल के घरौंडा में आयोजित हुई तीन दिवसीय सब्जी एक्स्पो में अनिल कुमार को प्रथम स्थान दिया गया है। अनिल कुमार 7 एकड़ में जैविक खेती करते हैं।;

इजराइल से आए मेहमान भी हुए अनिल की सब्जियों के मुरीद 
प्रदेश सरकार के उधान विभाग की तरफ से 9 से 11 अप्रैल तक करनाल जिले में स्थित सब्जी उत्कृष्टता केंद्र घरौंडा में सब्जी एक्सपो का आयोजन किया गया था। इस सब्जी एक्सपो में प्रदेश के सभी जिलों से सब्जी उत्पादक किसानों ने अपनी स्टाल लगाई थी। रेवाड़ी जिले के किसान अनिल कुमार ने भी अपने खेतों में उगाई सब्जियों की प्रदर्शनी लगाई थी। किसान अनिल ने आलू, टमाटर, बंद गोभी, शिमला मिर्च, लहसुन, टिंडे सहित अन्य सब्जियों को प्रदर्शनी में रखा था। कृषि मंत्री जेपी दलाल के साथ ही इजरायल दूतावास से आए बहुत से मेहमान भी मेले में पहुंचे थे। कृषि मंत्री से लेकर इसराइल से आए मेहमान भी अनिल कुमार की सब्जियों के मुरीद हो गए। किसान अनिल कुमार 7 एकड़ में वर्ष 2017 से जैविक खेती ही कर रहे हैं। उन्होंने जैविक खेती में जो मुकाम हासिल किया है वह अन्य किसानों के लिए भी किसी प्रेरणा से कम नहीं है।खुद का लगाया वर्मी कंपोस्ट


किसान अनिल कुमार ने जैविक खेती करने रिठानी तो सबसे पहले खुद का ही वर्मी कंपोस्ट प्लांट लगाया तथा जैविक खाद बनाने शुरू की। इसके अतिरिक्त फसलों को किट आदि से बचाने के लिए जीवामृत भी वह अपने स्तर पर ही तैयार करते हैं। फसलों में लस्सी व गोमूत्र से बने कीटनाशक का ही छिड़काव किया जाता है। वह सिर्फ जैविक सब्जियां ही नहीं अनाज भी जैविक ही पैदा करते हैं। जैविक सरसों के साथ ही गेहूं की भी अच्छी खासी पैदावार होती है। इसके साथ ही 1 एकड़ में उन्होंने अमरूद का बाग भी लगाया हुआ है। किसान अनिल कुमार की जैविक सब्जियों की इतनी मांग है कि लोग घर पर ही उनकी सब्जियां लेने के लिए पहुंच जाते हैं। अनिल कुमार का कहना है कि किसान अच्छे से जानकारी लेकर खेती करें तो जैविक खेती से भी पूरा उत्पादन हासिल किया जा सकता है।

अनाज मंडी बनाये सरकार
अनिल कुमार का कहना है कि सरकार जैविक खेती को लगातार बढ़ावा दे रही है। किसान लगातार जैविक खेती की ओर आकर्षित भी हो रहे हैं लेकिन किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए फर्टिलाइजर से उत्पादित सब्जी मंडियों में ही जाना पड़ता है। ऐसे में उन्हें भाव नहीं मिल पाता। सरकार को चाहिए कि जैविक खेती के लिए अलग मंडी का निर्धारण किया जाए।

 

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Isha