धान खरीद को लेकर अनिल विज और दुष्यंत चौटाला आए आमने-सामने

11/23/2019 9:30:28 AM

डेस्क: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जननायक जनता  पार्टी (जजपा) गठबंधन सरकार में हुए पहले मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अभी एक हफ्ता भी नहीं बीता है कि सरकार के मंत्रियों के बीच मतभेद सामने आने लगे हैं। गठबंधन सरकार में 2 नम्बर की पोजीशन के शक्तिवान मंत्री अनिल विज अब फोरम में आने लगे हैं। उन्होंने अपने कामों में विज स्टाइल मारना शुरू कर दिया है। पानीपत के शहरी थाने का औचक निरीक्षण कर अनिल विज ने पुलिसकर्मियों को ईमानदारी से काम करने का संदेश दे दिया। इसका असर थानों में देखा जा सकता है क्योंकि पुलिस थाने मंत्री अनिल विज के रॉडार पर आ चुके हैं। उनके दबंगता से काम करने व निर्णय लेने से वह अब सहयोगी दल के नेताओं के लिए चुनौती बनते जा रहे हैं।

विज ने मामले में जांच के आदेश देने को खारिज किया
गौरतलब है कि धान खरीद मामले को लेकर उठ रहे सवालों के बाद अब सरकार ने धान का एक भी दाना राइस मिलों के बाहर निकलने और अंदर जाने पर पाबंदी लगा दी है। सरकार ने राइस मिलों के बाहर कड़े पहरे के लिए ड्यूटी मैजिस्ट्रेट भी तैनात कर दिए हैं। वहीं दूसरी ओर विज राइस मिलरों को क्लीन चिट देते नजर आ रहे हैं। उनका कहना है कि ऐसा कोई घोटाला नहीं हुआ।

सरकार ने अपने धान पर नजर रखने के लिए राइस मिलों में अपने नुमाइंदे बिठाए हैं। उनका कहना है कि राइस मिलों पर संदेह करने का कोई औचित्य नहीं है, यह तो ज्वाइंट कस्टडी है। ऐसे में सरकार अगर अपना आदमी मिल के बाहर खड़ा करती है तो इसका यह मतलब नहीं कि कोई घोटाला हुआ है। वहीं विज ने मामले में किसी भी प्रकार की जांच के आदेश दिए जाने को भी पूरी तरह से खारिज किया। 

दुष्यंत राइस मिलरों के खिलाफ कार्रवाई को कह रहे ठीक तो विज मिलरों को दे रहे हैं क्लीन चिट
सरकार में भाजपा मंत्री अनिल विज और जजपा नेता एवं उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला धान खरीद को लेकर आमने-सामने हैं। दुष्यंत धान खरीद में चोरी होने का शक जाहिर होने और इसके लिए राइस मिलरों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं तो वहीं प्रदेश के गृह मंत्री अनिल विज उनसे एकदम विपरीत घोटाला न होने और राइस मिलरों को क्लीन चिट देने का काम कर रहे हैं।

राज्य में धान खरीद में कथित तौर पर घोटाला होने का मामला तूल पकडऩे लगा है। इस मामले में खाद्य आपूर्ति विभाग की कमान संभाल रहे दुष्यंत चौटाला कई बार यह बयान दे चुके हैं कि वह किसानों के धान का एक-एक दाना खरीदेंगे। इतना ही नहीं धान खरीद में घोटाला होने के कांग्रेस के कथित आरोपों पर भी उप-मुख्यमंत्री खुद की पीठ थपथपा कर यह बयान दे रहे हैं कि राज्य में राजस्व के लुटेरों को बख्शा नहीं जाएगा। 

राइस मिलर मिला रहे हैं मामले में विज के सुर में सुर
उधर, राइस मिलर भी इस मामले में विज के सुर में सुर मिला रहे हैं। उनकी मानें तो सरकार ने आदेश दिए हैं कि सरकारी धान का एक भी दाना न तो मिल से बाहर जाएगा और न ही अंदर आएगा। मिल संचालकों की मानें तो यह सरकार का माल है और इसे लेकर वह जो भी चाहे आदेश दे सकती है। उन्हें इसमें कोई आपत्ति नहीं है। ऐसे ही मतभेद और श्रेय लेने का एक और मामला भी चर्चाओं में आ रहा है। एचटेट परीक्षाएं शांतिपूर्ण सम्पन्न करवाने को लेकर उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बयान दिया था कि एचटेट की परीक्षा शांतिपूर्ण करवाना सरकार की पहली उपलब्धी है। 

इस बयान को लेकर भाजपा के कई वरिष्ठ नेता अपने आपको असहज महसूस कर रहे हैं। चर्चा है कि भाजपा के निष्ठावान नेताओं का कहना है कि परीक्षा शिक्षा विभाग ने शांतिपूर्ण तरीके सम्पन्न करवाई है और शिक्षा विभाग भाजपा के मंत्री कंवरपाल के पास है। ऐसा बयान शिक्षा मंत्री या फिर खुद मुख्यमंत्री को देना चाहिए था परन्तु उप-मुख्यमंत्री बयानबाजी कर इसका श्रेय ले रहे हैं? चर्चाकारों का कहना है कि भाजपा के समर्थकों ने अपने बड़े नेताओं के संज्ञान में ला दिया है क्योंकि भाजपा के समर्थक चाहते हैं कि अपने विभाग से अलग कामों का श्रेय लेना गठबंधन की पवित्रता को भंग करता है। इसलिए श्रेय संबंधित मंत्री को ही जाना चाहिए। वैसे भी परीक्षाएं आयोजित करवाने का काम शिक्षा विभाग का है।      

Edited By

vinod kumar