सीआईडी पर मचे घमासान पर विज बोले- इस भागमभाग के पीछे मंशा कुछ और ही है

1/14/2020 9:55:43 PM

अम्बाला (अमन कपूर): क्राइम इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) को मंत्री विज से लेकर दोबारा सीएम मनोहर लाल खट्टर को देने की तैयारी के बीच गृह मंत्री अनिल विज ने प्रतिक्रिया दी है। मंत्री विज ने कहा कि ये जो भागम-भाग चल रही है, इसके पीछे मंशा कुछ और ही है। मैंने तो हमेशा कहा है कि सीएम सर्वेसर्वा है। वे जब चाहे जिस डिपार्टमेंट का विभाजन करना चाहे विभाजन कर सकते हैं और लेना चाहे तो ले सकते हैं। मैंने कभी इस बात पर एतराज नहीं किया। इसमें कोई तैयारी करने की जरुरत भी नहीं है। सीएम सर्वेसर्वा होता है। उन्हें सारे अधिकारियों को सीधे आदेश व जानकारी ले सकता है।

पहले भी गृह विभाग से अलग रहा है सीआईडी
गौरतलब है कि सीआईडी को गृह विभाग से अलग करने की तैयारी है। वैसे तो सीआईडी पूर्व सीएम चौधरी बंसीलाल के समय में ही गृह विभाग से अलग रहा है, लेकिन कानून में बदलाव नहीं किया गया था। प्रदेश में गृह मंत्रालय आमतौर पर सीएम के पास ही रहा है।

जब भी गृह मंत्री बनाए गए तो सीआईडी की रिपोर्ट सीएम के पास ही रही। सूत्रों के अनुसार, अब सीएमओ से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी को कानून में बदलाव के लिए ड्राफ्ट तैयार कराने का जिम्मा सौंप गया है। ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है। इसके बाद इस पर कैबिनेट की मुहर लगेगी। बाद में इसे विधानसभा में संशोधित विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा। सूत्रों का यह भी कहना है कि विधानसभा सत्र के दौरान इस बिल के पास होने पर क्राइम क्राइम इनवेस्टिगेशन डिपार्टमेंट  मुख्यमंत्री के पास ही रह सकता है।

ऐसे शुरू हुआ था विवाद
हरियाणा विधानसभा की वेबसाइट पर मंत्रियों के पोर्टफोलियों में सीआईडी विभाग सीएम खट्टर के पास दर्शाए जाने के बाद विवाद खड़ा हुआ था। सवाल यह था कि यह विभाग वास्तव में है किसके पास। इस मामले पर गृह मंत्री अनिल विज ने कहा था कि सरकार वेबसाइट से नहीं चलती। सरकार कानून के नियम से चलती है। सीआईडी, गृह विभाग का हिस्सा है। विज ने यह भी कहा था कि सीएम सुप्रीम हैं, वे चाहे तो बदल सकते हैं। हालांकि, बदलने के लिए कैबिनेट में पास करना पड़ेगा। इसके बाद विधानसभा में पास करवाना पड़ेगा। इसके बाद ही बदला जा सकता है।

Shivam