समुद्री लुटेरों के कब्जे से दो महीने आठ दिन बाद छूटा रोहतक का अंकित, सुनाई आपबीती

7/25/2019 5:04:52 PM

रोहतक (दीपक भारद्वाज): समुद्री लुटेरों के कब्जे से दो महीने आठ दिन बाद छूटा रोहतक जिले के आसन गांव का अंकित हुड्डा अपने वतन लौट आया है। दरअसल, घाना से नाइजीरिया जा रहे शिप एमटी अपेक्स आईएमओ को 19 अप्रैल को समुद्री लुटेरों ने लागोस आईलैंड के पास से अपहरण कर लिया था। अपहरण के समय शिप पर 15 का स्टाफ मौजूद था, जिनमें 5 भारतीय मूल के कर्मचारी भी शामिल थे। इनमें रोहतक के आसन गांव का अंकित हुड्डा भी शामिल था। लुटेरों के कब्जे से छूटने के बाद अंकित ने अपनी आपबीती सुनाई।

रोहतक से ग्रेजुएशन करने के बाद अंकित ने नाइजीरिया की एक मर्चेंट शिप कंपनी में नाविक के तौर पर नौकरी हासिल कर ली थी। मां का इकलौता बेटा अंकित ही उसके जीने का सहारा है, क्योंकि अंकित के पिता का देहांत कई वर्ष पहले हो चुका है। जब अंकित के अपहरण की जानकारी परिजनों को 24 अप्रैल को मिली, तो मानों उनपर पहाड़ टूट पड़ा हो। पर ऊपर वाले की कृपा से अंकित सही सलामत अपने घर लौट आया है।



अंकित हुड्डा ने बताया कि नौकरी मिलने के बाद एक साल की ट्रेनिंग ली और शिप ज्वॉइन किया। एक दिन घाना से नाइजीरिया जाते समय शिप एमटी अपेक्स आइएमओ को 19 अप्रैल को लागोस आइलैंड के पास समुद्री लुटेरों ने हाईजैक कर लिया था। इस जहाज में लगभग 15 लोग थे, जिसमें अंकित सहित पांच भारतीय थे। पहले समुद्री लुटरों ने शिप के मालिक से फिरौती की मांग की।

अंकित ने बताया कि वे बहुत ही टॉर्चर करते थे, समुद्र का पानी पीने को देते थे खाने को सिर्फ एक दिन में एक बाउल नूडल पांच लोगों को देते थे और रोज मारते पीटते थे। अंकित ने बताया कि वे 69 दिन बहुत ही दर्दनाक सदमे की तरह याद रहेंगे। अंकित का कहना है कि वह अपनी मां का इकलौता सहारा है, अकेले मां ही नही अपने मामा व मौसी के घर का भी इकलौती सन्तान हैं। क्योंकि मामा व मौसी की भी कोई संतान नहीं है, सब के सब सदमे में थे। अंकित कभी अब वापिस नहीं जाएगा।

Shivam