एक और नाबालिग लड़की को ''बालिका वधू'' बनने से बचाया

12/21/2018 3:10:44 PM

हांसी(संदीप): जिला संरक्षण अधिकारी की टीम ने एक महीने के अंदर उपंडल में बाल विवाह का दूसरा मामला पकड़ा है। शुक्रवार को सिंघवा खास में एक नाबालिग किशोरी को संरक्षण अधिकारी बबीता चौधरी ने बलिका वधू बनने से रोक लिया। जिस किशोरी के बाल विवाह को रुकवाया गया है उसकी उम्र बालिग अवस्था से छह महीने कम थी।

जानकारी के अनुसार संरक्षण अधिकारी को शिकायत मिली थी कि सिंघवा खास गांव निवासी कैलाश अपनी दो बेटियों का विवाह करने जा रहा है। दोनों बेटियों में एक बेटी प्रीति नाबालिग है। शनिवार को नाबालिग प्रीति का विवाह निश्चित किया गया था। लेकिन इससे पहले की बृहस्पतिवार को संरक्षण अधिकारी बबीता चौधरी ने पूरे परिवार को नोटिस देकर सदर थाने में तलब कर लिया।



प्रीति के पिता कैलाश अपने परिवार के साथ सदर थाने आ गये। संरक्षण अधिकारी ने लड़की के शैक्षणिक दस्तावेजों का निरीक्षण करने के बाद पाया कि वह नाबालिग है। प्रीति अभी गांव के ही सरकारी स्कूल में 12वीं कक्षा की छात्रा है। जिसके बाद उन्होंने परिवार को लड़की की शादी रुकवाने के निर्देश देते हुए परिवार की काउंसलिंग भी की।

संरक्षण अधिकारी बबीता चौधरी ने परिवार को कहा कि बाल विवाह एक अपराध है और इसे करने वाले दोषी को अधिकत दो साल की सजा व एक लाख जुर्माना हो सकता है। जिसके बाद परिवार ने अपनी गलती को स्वीकार कर लिया।

खर्चा बचाने के लिये कर रहा था कैलाश दोनों बेटियों की एक साथ शादी
जिला संरक्षण अधिकारी बबीता चौधरी ने प्रीति के परिवार की काउंसलिंग की। उसके पिता कैलाश ने कहा कि वह खर्चा बचाने के लिये दोनों बेटियों का विवाह एक साथ करने जा रहा था। उसने कहा कि उसे पता नहीं था कि बाल विवाह देश में निषेद है। लेकिन काउंसलिंग के बाद कैलाश ने जिला संरक्षण अधिकारी के समक्ष शपथ पत्र दिया कि वह अपनी बेटी का विवाह बालिग होने के बाद ही करेगा।

Shivam