कलैक्टर रेट को लेकर हरियाणा सरकार का एक और कदम, CM खट्टर ने की बड़ी पहल

1/22/2021 1:07:42 PM

अंबाला:  कृषि प्रधान राज्य हरियाणा में खेतीहर जमीन को किसान अपना गहना मानता है, तो मकान बनाना हर किसी व्यक्ति के लिए एक बड़ा सपना होता है। कृषि भूमि और मकान के लिए प्लाट के कलैक्टर रेट निर्धारित होते हैं।  हरियाणा में अब तक कलैक्टर रेट संबंधित जिलाधीशों की ओर से संबंधित जिलों में क्षेत्र अनुसार तय किए जाते हैं। मार्कीट वैल्यू एवं कलैक्टर रेट्स में अंतर होने के चलते अक्सर रजिस्ट्रियों में घपलेबाजी के मामले सामने आते हैं। अब हरियाणा की मनोहर सरकार ने राज्य में कलैक्टर रेट्स में सुधार की एक बड़ी पहल करते हुए सुशासन व पारदर्शिता के अपने लक्ष्य की ओर एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। 

हरियाणा सरकार की इस अनूठी पहल के अंतर्गत राज्य के आम नागरिकों से राज्य के विभिन्न जिलों में नए कलैक्टर रेट तय करने के लिए आपत्तियां व सुझाव मांगे गए हैं। सभी जिलों के कलैक्टर रेट्स का ड्राफ्ट तैयार करके इसे जिला प्रशासन की संबंधित वैबसाइट पर अपलोड किया गया है।  इसके साथ ही कोई भी नागरिक जमाबंदी विभाग की वैबसाइट पर जाकर भी 31 जनवरी तक अपने सुझाव व आपतियां भेज सकता है। इन सुझावों और आपतियों के बाद कलैक्टर रेट्स को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसका  मुख्य उद्देश्य राजस्व विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाना है। असमंजस का रहता है आलमगौरतलब है कि हरियाणा में कलैक्टर रेट को लेकर असमंजस का आलम रहता है।

हरियाणा के अनेक हिस्सों में कलैक्टर रेट की तुलना में जमीन की मार्कीट वैल्यू अधिक है। कई स्थानों पर मार्कीट वैल्यू की तुलना में कलैक्टर रेट अधिक हैं। ऐसा होने के कारण आमजन को अपनी जमीन-मकान की रजिस्ट्री कराने में परेशानी तो होती है, इससे रजिस्ट्री संबंधी कार्यों में भ्रष्टाचार भी गोरखधंधा बन गया है। भ्रष्टाचार के पर कुतरने के लिए ही हरियाणा की भाजपा सरकार ने एक अनूठी पहल करते हुए कलैक्टर रेट लागू करने की प्रणाली में बड़ा संशोधन करने का फैसला लिया है। इस संशोधन के अंतर्गत अब राज्य में नागरिकों के सुझाव और आपत्तियां लिए जाने के बाद कलैक्टर रेट्स को अंतिम रूप दिया जाएगा। स्वयं मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का मानना है कि हरियाणा सरकार ने कलैक्टर रेट निर्धारण के लिए जनता से सुझाव और आपतियां आमंत्रित करने के लिए जन-जागरण अभियान का आगाज किया है, ताकि जनता के सहयोग से ही प्रदेश में पारदर्शिता और सुशासन को अधिक बल मिल सके।

Isha