इतिहास में पहली बार छुट्टी के दिन राज्यसभा में किसान विरोधी काले क़ानून लागू किया गया: किरण चौधरी

9/20/2020 4:51:33 PM

भिवानी(अशोक):  इतिहास में आज का दिन देश मे काला दिन मनाया जा रहा है ,क्योंकि राज्यसभा व लोकसभा में आज छुट्टी के दिन सरकार ने किसान विरोधी कानून पास कर जबरन थोपा गया है। यह केवल किसानों के लिए ही नहीं बल्कि देश में हर व्यक्ति के लिए काला दिन है। ये बयान  बातें तोशाम विधानसभा क्षेत्र से विधायक एवं कांग्रेस नेत्री किरण चौधरी ने तीन अध्यादेश की निंदा करते हुए दिया।   

उन्होंने किसानों की आवाज उठाते हुए कहा कि जहां सरकार को किसानों के हितों की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन यहां सब उल्टा हो रहा है किसानों की आवाज को दबाया जा रहा है। किरण चौधरी ने कहा कि राज्यसभा व लोकसभा में छुट्टी के दिन किसान विरोधी काला कानून लागू करके सरकार ने अपनी छोटी मानसिकता दर्शाई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार हर चीज के निजीकरण की तरह किसानी का भी निजी करण करना चाहती है, कहा कि पहले कोरोना की आड़ में सरकार किसान विरोधी अध्यादेश से लेकर आई, ताकि कोई शोर शराबा ना हो सके और अब छुट्टी के दिन रविवार को इस कानून को पास किया गया है । उन्होंने कहा कि यह कानून किसान को गुलाम बनाने वाला कानून है । जिसका वे पुरजोर विरोध करती है।

 उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों की हर लड़ाई में साथ है । किसानों को गुलाम नहीं होने दिया जाएगा और किसानी का निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा ।उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकार को इस बात का खामियाजा भुगतना पड़ेगा। किसानों के हितों की बात करने वाली सरकार को जहां किसानों की आवाज को उठाना चाहिए था वहां पर किसानों की आवाज को काला कानून थोप कर लाठी और डंडों के बल पर बंद करने का काम किया जा रहा है ।कहा कि यह सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है । केवल किसान ही नहीं बल्कि हर वर्ग के लोग अब सरकार को जवाब देने का काम करेंगे। 

 वहीं दूसरी तरफ भिवानी में भाकियू नेताओं ने भी सरकार को आड़े हाथ लिया।आज भिवानी से भी काफी संख्या में किसान आंदोलन में लोग पहुंचे हैं । जिन्होंने भिवानी शहर में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश आर्य नीमडी ने कहा कि किसानों की आवाज को हम दबने नहीं देंगे ।उन्होंने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री को यदि बात करनी होती तो पहले ही कर लेते, बल्कि किसानों को उन्होंने लाठी और डंडे के बल पर दबाने की कोशिश की है जिसका जवाब दे कर रहेंगे।

Isha