सरकार के विरोध में उतरे प्रदेश के आर्किटेक्ट

7/11/2019 11:51:32 AM

फरीदाबाद (महावीर गोयल): हरियाणा के आर्किटेक्ट्स सरकार के विरोध में उतर आए हैं। दरअसल,  हरियाणा सरकार हरियाणा बिल्डिंग कोड 2017 में बदलाव करने जा रही है। जिसके तहत अब 200 वर्ग मीटर तक के भवन का नक्शा डिप्लोमा धारक एवं ड्राफ्टमैन भी बना सकेंगे और पास करवा सकेंगे जबकि ये लोग आर्किटेक्ट नहीं हैं। इनके पास आर्किटेक्ट की डिग्री नहीं होती। सरकार इन डिप्लोमाधारकों को सुपरवाइजर के पद से नवाजना चाहती है।

यदि ऐसा कर दिया गया तो भवन के नक्शों में कई प्रकार की खामियां होने लगेंगी। इन कमियों वाले नक्शों से ही भवन बनना शुरू हो जाएंगे जिससे जानमाल की हानि होने की आशंका बनी रहेगी। इसलिए आर्किटेक्ट सरकार के इस कदम का जनहित में खतरा बता रहे हैं और विरोध कर रहे हैं। भवन का डिजाइजन आर्किटेक्ट का काम होता है क्योंकि आर्किटेक्ट ने इसके लिए पांच साल की डिग्री कर के काउंसिल ऑफ आर्किटेक्चर में अपना पंजीकरण कराया हुआ है। यह आर्किटेक्ट एक्ट 1972 के प्रावधानों के अनुसार आवश्यक है।

आर्किटेक्टस एक्ट 1972 आर्किटेक्ट के पेशे को निर्धारित रूप से चलाने के लिए दिशा निर्देश देता है। डिप्लोमा होल्डर ड्राफ्टमैन और सिविल इंजीनियर काउंसिल ऑफ आर्किेटेक्चर से पंजीक़ृत नहीं होते। सुप्रीम कोर्ट ने भी यह माना है कि आर्किटेक्ट का काम केवल आर्किटेक्ट को ही करना चाहिए। कोड में प्रस्तावित इस बदलाव का पूरे  प्रदेश के आर्किटेक्टस विरोध कर रहे हैं। विरोध स्वरूप 300 से अधिक आपत्तियां सरकार के पास दर्ज कराई जा चुकी हैं। आर्किटेक्टों का कहना है कि एक कंपाउंडर या स्टाफ नर्स कैसे सर्जरी कर सकते हैं। इसी प्रकार एक डिप्लोमा धारक ड्राफ्टमैन कैसे आर्किटेक्ट का काम कर सकता है। 

Isha