पराली जलाने वाले किसानों का आर्म्स लाइसैंस होगा रद्द, फसल प्रबंधन ने दिए निर्देश

10/31/2019 10:50:47 AM

फतेहाबाद (ब्यूरो) : उपायुक्त धीरेंद्र खडग़टा ने जिले के किसानों से आह्वान किया है कि वे पर्यावरण की रक्षा के लिए फसल प्रबंधन योजना को अपनाएं। अपने खेतों में पराली इत्यादि न जलाएं। उपायुक्त ने यह भी कहा कि जिन किसानों के पास आम्र्स लाइसैंस है तथा नियमों की अवहेलना करते हैं और धान की पराली एवं अन्य फसली अवशेषों को जलाते हैं तो उनके आम्र्स लाइसैंस को रद्द किया जाएगा व भविष्य में नया आम्र्स लाइसैंस नहीं बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त नियमानुसार कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

उन्होंने यह भी बताया कि हरसेक के डाटा की रिपोर्ट के अनुसार पराली जलाने वाले किसानों पर स्वयं ही एफ.आई.आर. दर्ज हो जाएगी। उन्होंने कहा कि फसलों की कटाई के बाद खेतों में पराली को आग लगाना आई.पी.सी. की धारा-188 सहपठित वायु बचाव एवं प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम, 1981 के तहत दंडनीय अपराध है तथा इसका उल्लंघन करने पर यदि व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो वह दंड का भागी होगा। 

उपायुक्त ने फसल प्रबंधन से जुड़े अधिकारियों को भी निर्देश दिए हैं कि फसल प्रबंधन योजनाओं को सफल बनाने के लिए किसानों को अधिक से अधिक जागरूक किया जाए और उन्हें तथा नए कृषि यंत्र उपयोग में लाने के लिए प्रेरित करें। पराली को किसी भी सूरत में न जलाएं तथा इसे कृषि यंत्रों की मदद से जमीन में ही खाद के तौर पर ही इसका उपयोग करें। उन्होंने कहा कि इन-सीटू फसल अवशेष प्रबंधन पर्यावरण, संरक्षण व किसानों के हित में है और यह काफी लाभदायक है।

उन्होंने सभी एस.डी.एम. को भी निर्देश दिए कि वे पराली में आग लगाए जाने वाली जगहों पर स्वयं पहुंचकर उचित कानूनी कार्रवाई करना सुनिश्चित करवाएं। उन्होंने बताया कि गांव में पराली न जले इसके लिए सरपंचों व नम्बरदार की जवाबदेही भी तय है। उपायुक्त ने किसानों से अपील की कि वे किसी भी सूरत में पराली को न जलाएं। 

Isha