अनाज मंडी में किसानों और फसल की सुरक्षा का नहीं कोई इंतजाम, ढेर पर लगे रहते हैं पशु
10/17/2020 3:36:18 PM
होडल (मधुसूदन) : एक ओर क्षेत्र का किसान जहां अनाज मंडी में धान और बाजरे की फसल की सरकारी खरीद नहीं होने से परेशान है, वहीं प्रशासन द्वारा किसानों और फल की सुरक्षा के लिए किसी भी प्रकार के इंतजाम नहीं किए गए हैं, जिसके कारण किसान अनाज मंडी में रात के समय पहरा देकर फसल की सुरक्षा करने को मजबूर हैं। प्रशासन द्वारा किसानों को बिजली,पानी,बैठने आदि की व्यवस्था का दावा किया जाता है लेकिन व्यवस्था के नाम पर अनाज मंडी में सब कुछ शून्य है।
किसानों की सुविधा केवल कागजों मेंं ही सफर कर रही है। जबकि व्यवस्था के नाम पर अनाज मंडी में ना तो किसानों के बैठने,बिजली और पीने के पानी की कोई व्यवस्था है और ना ही शौचालयों की सुविधा है। प्रशासन द्वारा बनाए गए शौचालयों पर ताले लटे हुए हैं। फिलहाल विधानसभा क्षेत्र की अनाज मंडी तीन जगहों पर बंटी हुई है। इसके अलावा आसपास के खाली प्लाटों में भी किसान अपनी फसल बिक्री का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन किसी भी मंडी में किसानों की फसल की सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं हैं। मंडी में पडे धान और बाजरे के ढेरों पर पूरा दिन और रात सूअर और गाय विचरण करते रहते हैं। जिसके कारण किसानों को परेशानियों का सामना करना पड रहा है।
किसानों का कहना था कि प्रशासन द्वारा ना तो किसानों के बैठने,पीने के पानी आदि की कोई व्यवस्था की गई है और ना ही यहां आवारा जानवरों की रोकथाम के कोई इंतजाम किए गए है, जिसके कारण किसानों को पूरी रात जागकर फसल की सुरक्षा करने को विवश होना पड रहा है। सीजन शुरु होने से पहले प्रशासन द्वारा किसानों को बिजली,पीने के पानी और बैठने की व्यवस्था का आश्वासन दिया जाता है लेकिन जब किसान फसल लेकर मंडी में पहुंचता है तो उसे इन्ही समस्याओं का सामना करना पडता है।
किसान की फसल पर पूरा दिन आवारा पशु विचरण करते रहते हैं। एक ओर सरकार किसानों की फसल को न्यूनतम रेट पर खरीदने का दावा कर रही है लेकिन फसल बिक्री की तो दूर,बल्कि अनाज मंडी में किसानों की फसल की सुरक्षा तक की कोई व्यवसथा नहीं है। जिसके कारण किसानों में रोष व्याप्त है। उधर इस बारे मे मार्केट कमेटी सचिव दीपक कुमार का कहना था कि अंदर वाली मंडी में चौकीदार की व्यवस्था की गई है। अग्रसैन चौक स्थित अनाज मंडी की चारदीवारी नहीं होने के कारण पशु प्रवेश कर जाते हैं। जिसकी रोकथाम के लिए शीघ्र ही व्यवस्था की जाएगी।