धर्मनगरी में कला महाकुंभ का आगाज, गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने किया शुभारंभ

10/28/2017 1:05:29 PM

कुरुक्षेत्र(रणदीप रोड): धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में शुरू हुए कला महाकुंभ का केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुभारंभ किया। अखिल भारतीय कला साधक संगम महाकुंभ में पहुंचने पर राजनाथ सिंह का स्‍वागत राज्‍य की कैबिनेट मंत्री कविता जैन ने किया। समारोह में हरियाणा के राज्यपाल प्रोफेसर कप्तान सिंह सोलंकी भी मौजूद हैं। 

तीन दिवसीय कार्यक्रम में 22 प्रांतों के कलाकारों ने लिया हिस्सा
28 से 30 अक्टूबर तक श्रीमद्भगवद् गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चलने वाले अखिल भारतीय कला साधक संगम कार्यक्रम में 22 प्रांतों से 3071 कलाकार साधक, नृत्य, वादन, लोक कला, हस्त कला विधाओं के कलाकार पहुंचे हैं। 30 अक्‍टूबर को समापन समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि होंंगे। इस महाकुंभ में फिल्म निर्माता-निर्देशक सुभाष घई भी शिरकत करेंगे।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम
कला के महाकुंभ के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसी ने सुरक्षा व्यवस्था की कमान संभाल ली और चप्पे-चप्पे पर पुलिस का पहरा है। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के आगमन के मद्देनजर कुरुक्षेत्र विश्‍वविद्यालय में बने हेलीपेड से लेकर श्रीमद्भगवद् गीता वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय स्कूल तक पुलिस का सख्त पहरा है। गृहमंत्री की सुरक्षा में पांच डीएसपी समेत 1200 अधिकारी व कर्मचारी मुस्तैद रहे। गृहमंत्री के दौरे के दौरान पुलिस अधीक्षक अभिषेक गर्ग सुरक्षा की कमान संभाली। एसपी गर्ग ने बताया कि हेलीपेड से लेकर मद्देनजर कार्यक्रम स्थल तक पर सादी वर्दी में सीआइडी कर्मी तैनात किए गए हैं। अलग-अलग जगह उप पुलिस अधीक्षकों को सुरक्षा की कमान सौंपी गई है। हेलीपैड पर डीएसपी तान्या 200 जवानों के साथ सुरक्षा व्यवस्था संभाली।

गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कला परिवर्तन व समाज की अभिव्यक्ति कला व समाज एक दूसरे के बिना जीवित नहीं रह सकता। कला और कलाकार का उद्देश्य मनोरंजन मात्र नहीं होनी चाहिए बलिक प्रेरणादायी होनी चाहिए जो समाज को प्रेरित अौर उत्कर्ष करे। प्राचीन सहित्य कलात्मक व संगीतमय था कला देश की परंपरा का प्राण है।

अखिल भारतीय कलासाधक संगम के प्रवक्ता संस्कार भारती ने बताया कि प्रदर्शनी में हरियाणवी लोकजीवन से जुड़ी हुई विषय-वस्तुओं को प्रदर्शित किया जा रहा है। इस प्रदर्शनी में हरियाणा की टोकरे बनाने की कला, गुड़िया बनाने की कला, दरी बनाने की कला, खाट व पीढ़ा भरने की कला के साथ ही रथ व बैलगाड़ी बनाने की कारीगरी को भी दर्शाया जाएगा।