आसाराम के बेटे नारायण साईं की पानीपत कोर्ट में पेशी, आरोप तय होने के बाद सूरत जेल के लिए रवाना

9/16/2022 10:43:23 PM

पानीपत(सचिन): आसाराम और उनके बेटे नारायण साईं के खिलाफ पानीपत के सरकारी गवाह महेंद्र चावला पर साल 2015 में हुए जानलेवा हमले के मामले में आज साईं की पानीपत कोर्ट में पेशी हुई। सूरत की लाजपुर जेल में बंद नारायण साईं को पुलिस पानीपत लेकर पहुंची। मामले में अगली सुनवाई 20 सितंबर की होगी, जहां साईं वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेशी में शामिल होंगे। कोर्ट में पेशी के बाद शाम 4 बजे आरोप तय हुए और करीब सवा पांच बजे नारायण साईं को गुजरात वापस ले जाया गया।

 

 

रेप केस में गवाही देने वाले महेंद्र पर जानलेवा हमला करने का है मामला

 

बता दें कि 13 मई 2015 को महेंद्र चावला पर जानलेवा हमला करवाया गया था। आसाराम के बेटे नारायण साईं मामले में मुख्य गवाह महेंद्र चावला को पानीपत में गोली मारी गई थी, लेकिन उनकी जान बच गई थी। दरअसल नारायण साईं और आसाराम के खिलाफ रेप केस में महेंद्र चावला ने गवाही दी थी। गवाही देने के बाद महेंद्र चावला पर कई बार हमले हो चुके हैं। यही नहीं चावला पर समझौता करने के लिए भी दबाव बनाया गया था। नारायण साईं पर 120बी, निशांत राज घणघस पर 120बी, 195ए, 506, शूटर कार्तिक पर 120बी, 307, 452 और नीरज 120बी के तहत आरोप तय हुए हैं। जज ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद चार्ज फ्रेम किए हैं। 

 

 

साईं की पेशी को लेकर कोर्ट के चप्पे-चप्पे पर पुलिस रही तैनात

 

नारायण साई की कोर्ट में पेशी को लेकर पुलिस अलर्ट दिखी। कोर्ट परिसर के चप्‍पे-चप्‍पे पर पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। पूरे परिसर में 150 से ज्‍यादा पुलिसकर्मी तैनात दिखाई दिए। किसी को भी बिना तलाशी और इजाजत के अंदर नहीं जाने दिया गया। हर संदिग्‍ध पर नजर रखी गई। साथ ही सीसीटीवी पर भी पुलिस ने नजर बनाकर रखी। साईं की कोर्ट में पेशी की सूचना मिलने पर सुबह ही अनुयायी आसपास के राज्यो और जिलों से कोर्ट के बाहर पहुंच गए थे। नारायण साई को देखते ही अनुयायी ने हाथ जोड़कर दूर से ही उनको प्रणाम किया, हालांकि पुलिस ने किसी को भी न्यायालय परिसर के अंदर जाने की इजाजत नहीं दी। 

 

 

कभी आसाराम के पीए रहे महेंद्र ने ही दी थी रेप केस में गवाही

 

बता दें कि पानीपत के सनौली खुर्द गांव के रहने वाले महेंद्र चावला कभी आसाराम के बेटे नारायण साई के पीए थे। महेंद्र चावला की वजह से ही नारायण साई सलाखों के पीछे पहुंचा। महेंद्र चावला साल 1996 में आसाराम से प्रभावित होकर उनका शिष्‍य बना था। उनसे गुरु दीक्षा लेकर महेंद्र ने शादी भी नहीं की थी। उन्‍होंने आसाराम और उसके बेटे नारायण साई का 2015 में साथ छोड़कर सजा दिलाने की ठानी। महेंद्र चावला दुष्‍कर्म केस में मुख्य गवाह थे। उन्हें गवाही देने से रोकने के लिए 13 मई 2015 में घर में घुसकर दो बदमाशों ने गोलियां बरसाईं। एक गोली उन्हें लगी, लेकिन वह छत से कूद गए और उनकी जान बच गई। इस हमले के बाद भी वह विचलित नहीं हुए और मार्च 2016 में नारायण साईं के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी।

 

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Content Writer

Gourav Chouhan