खर्ची-पर्ची की दुकानदारी खत्म, सुरजेवाला और शैलजा के पेट में दर्द होना वाजिब: असीम गोयल

12/26/2021 6:32:59 PM

चंडीगढ़ (धरणी): भाजपा सरकार के दौरान बीते 7 सालों में किए गए जनहित के कार्यों को लेकर अंबाला शहर के विधायक असीम गोयल ने कहा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इन 7 सालों में डिजिटाइजेशन, मेरिट के आधार पर बिना पर्ची-बिना खर्ची के नौकरी, किसान साथियों के लिए मेरी फसल-मेरा ब्यौरा, मेरा पानी-मेरी विरासत व इरीगेशन समेत अनेकों काम, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और व्यापारियों के लिए तरह-तरह की स्कीमों से हर वर्ग को लाभान्वित करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि जो बेटियों की हत्या का कलंक प्रदेश पर सदा से लगता आया है, प्रदेश के मुख्यमंत्री ने देश के प्रधानमंत्री की सोच को आगे बढ़ाते हुए हटाने का काम किया। आज प्रदेश की बेटियां प्रदेश का गौरव बन चुकी हैं। 

गोयल ने कहा कि आज खेलों के क्षेत्र में हरियाणा बहुत आगे पहुंचा है। मुख्यमंत्री द्वारा 7 साल 7 कमाल का नाम जरूर दिया गया, लेकिन देश के जननायक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री की तारीफ करते हुए कहा गया कि हरियाणा सरकार से बहुत कुछ सीखने को मिलता है। मुख्यमंत्री की नीतियों की तारीफ की गई, जबकि 15 प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी की सरकारें हैं, लेकिन केवल हरियाणा के मुख्यमंत्री की तारीफ करना आप बहुत गौरवान्वित बात है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में सबसे पहले लागू की गई बहुत सी स्कीमों को केंद्र सरकार ने अपनाया। प्रदेश के मुख्यमंत्री 24 घंटे प्रदेश के हर जन के कल्याण के लिए नई-नई स्कीमों के बारे में सोचते हैं और मैं भी बहुत गर्व महसूस करता हूं कि इन 7 सालों में मैं भी मुख्यमंत्री मनोहर लाल की टीम का एक हिस्सा रहा हूं।

गोयल ने कहा कि आज कुमारी शैलजा और रणदीप सुरजेवाला के पेट में दर्द होना वाजिब है। क्योंकि पहले या तो विधायकों के रिश्तेदार या फिर खर्ची देने वालों को ही नौकरी दी जाती थी। लेकिन हमारी सरकार ने पर्ची-खर्ची की रिवायत बंद की। आज हर वह बच्चा जिसके पास ना पैसा है और ना ही सिफारिश है। वह कहता है कि मुख्यमंत्री ने हमारे जीवन को बदल दिया। आज तक कोई ऐसा मुख्यमंत्री प्रदेश को नहीं मिला था कि जिसने बिना खर्ची-बिना पर्ची के नौकरी दी हो। कांग्रेस की दुकानदारी इस नाते बिल्कुल बंद हो गई है। पहले की सरकारों में भाई- भतीजावाद, क्षेत्रवाद और जातिवाद के चलते नौकरियों में प्राथमिकता मिलती थी। आज मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इनकी इन नीतियों पर प्रहार किया है तो पेट में दर्द होना स्वाभाविक है।

अगले 3 सालों में अंबाला शहर में आईएमटी की स्थापना मेरा सबसे बड़ा प्रयास रहेगा: असीम गोयल
गोयल ने कहा कि अंबाला शहर की सरदारी मिलने पर विधानसभा क्षेत्र की चार सबसे प्रमुख समस्याएं थी। हालांकि अंबाला सबसे पुराना जिला है और जिला हेड क्वार्टर पर ही बस स्टैंड नहीं था। पुरानी सरकारों ने साजिश के तहत इसे खत्म कर दिया था। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हमारे प्रयासों से हमने यह बनवाया। 1966 में हरियाणा गठन के वक्त मलकानी कमीशन ने अंबाला शहर को सबसे गंदे शहरों में शामिल किया था ।हमने डोर टू डोर कलेक्शन के नाते 2 नवंबर 2015 को कूड़े की पहली योजना अंबाला शहर से शुरू की और आज अंबाला सफाई के नाते 150 शहरों में शामिल हुआ है। हर छोटी-बड़ी गली, सड़क नई बनाई। यहां बरसात का पानी जमा होने की एक बड़ी समस्या सदा से रही है। क्योंकि अंबाला कटोरे की शेप में है। हमारे बड़े प्रयत्नों से मुख्यमंत्री की मदद से यहां विभिन्न योजनाएं बनवाई। जिन क्षेत्रों में तीन-तीन दिन पानी नहीं उतरता था, आज कितनी भी बारिश हो 3 घंटे में पानी साफ हो जाता है। हमने अपने किए वायदे को पूरा किया है। अंबाला नव निर्माण की ओर बढ़ रहा है। आज अंबाला में स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा, पर्यटन की संभावनाओं पर काम हो रहा है। अंबाला आगे बढ़ रहा है और मेरा सबसे बड़ा प्रयास अगले 3 सालों में आईएमटी की स्थापना रहेगा। ताकि हमारे क्षेत्र के युवा रोजगार की तलाश में दर-दर ना भटके। उन्हें अपने शहर में ही रोजगार मिल पाए।

पहले की सरकारों में भाई-भतीजावाद, क्षेत्रवाद और जातिवाद के चलते नौकरियों में प्राथमिकता मिलती थी: असीम गोयल
गोयल ने बताया कि अंबाला के सांसद रतनलाल कटारिया और प्रदेश के गृह, स्वास्थ्य एवं शहरी निकाय मंत्री अनिल विज के अथक प्रयासों से अंबाला में बहुत से विकास हुए हैं। अंबाला जंक्शन अंबाला छावनी के क्षेत्र में है और नरेंद्र मोदी पार्ट वन सरकार के दौरान फ्रांस के साथ हुए समझौते में अंबाला जंक्शन को भी उन 10 रेलवे स्टेशंस में लिया गया था, जिसका ओवर ऑल डेवलपमेंट की जानी है। जल्द ही इस पर भी काम शुरू होने की उम्मीद है। अंबाला जंक्शन एक ऐतिहासिक सूरत में परिवर्तन हो जाएगा। गोयल ने कहा कि दिल्ली से राजस्थान से जो भी व्यक्ति चंडीगढ़ जाता है या जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और चंडीगढ़ से दिल्ली जाने वाले व्यक्ति को भी अंबाला से क्रॉस होना पड़ता है। पिछली बार मुख्यमंत्री से निवेदन करके हमने अंबाला में गोल्डन गेट को बनवाया और पूरे भारत में इस तरह का गोल्डन गेट कहीं भी नहीं है। यह वेलकम करने के लिए एक गेटवे ऑफ हरियाणा है। आगे भी इस 6 किलोमीटर के क्षेत्र को और सुंदर बनाने के लिए मैंने मुख्यमंत्री से निवेदन कर रखा है, जिस पर जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है।

युवाओं को सरकारी माध्यम से विदेशों में भेजने के लिए राज्य के पास ऐसी कोई लाइसेंसिंग अथॉरिटी नहीं
हरियाणा समेत पूरे देश के युवाओं की पैसे कमाने की चाहत को लेकर विदेशों की तरफ आकर्षित होने का मुद्दा 17 दिसंबर को हरियाणा विधानसभा के पटल पर गूंजा। यह मुद्दा स्वयं अंबाला से सत्ता पक्ष भाजपा के विधायक असीम गोयल ने उठाया। उन्होंने कहा कि आज उनकी विधानसभा समेत पूरे हरियाणा व अन्य प्रदेशों के बच्चे अपने सुनहरे भविष्य के लिए रोजगार की तलाश में विदेशों में प्राइवेट प्लेटफार्म के जरिए जा रहे हैं, लेकिन वह सुरक्षित मार्ग नहीं है। मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेशन द्वारा दिया गया लाइसेंस बहुत कम ऐसे प्राइवेट लोगों के पास हैं जो इस प्रकार से बच्चों को विदेशों में भेजते हैं। वह लोग आईलेट या थर्ड वेंडर के माध्यम से विदेशों में मौजूद कोई काम चलाऊ यूनिवर्सिटी के माध्यम से इस प्रकार का काम चलाते हैं और विदेशों की चाहना रखने वाले बच्चे व अभिभावक 5 कमरों में बने कार्यालय में यही मान लेते हैं कि यह केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लाइसेंस पर काम किया जा रहा है।

साथ ही राज्य के पास ऐसी कोई लाइसेंसिंग अथॉरिटी नहीं है जो कि इस काम पर ज्यादा नजर रख सकें, जिस कारण विदेश जाने वाले लोगों के साथ धोखा होने की संभावनाएं ज्यादा रहती हैं। ऐसे बच्चों की मजबूरी का फायदा उठाया जा रहा है। टूरिस्ट वीजा पर कम खर्च आने के कारण बच्चों को टूरिस्ट वीजा पर ही विदेश भेज दिया जाता है, जबकि उनसे लाखों रुपए की वसूली की जाती है। ऐसे नौजवानों को अवैध तरीके से तरह-तरह की मुश्किलों से गुजारते हुए विदेशों में पहुंचाया जाता है। समुंद्री जहाज के चेंबर में बंद रख कर अवैध तरीके से बॉर्डर पार करवाया जाता है। उनके माता-पिता के खून पसीने की कमाई लूटी जा रही है। उसके बावजूद ऐसे बच्चे वहां असुरक्षित जीवन बिताने को मजबूर हैं। कबूतर बाजी का खेल खेलने वाले से ऐसे लोग करोड़ों रुपए का लोगों को चूना लगा चुके हैं, इसलिए असीम गोयल ने एक ऐसा प्लेटफार्म-ऐसी लाइसेंसिंग अथॉरिटी-मंत्रालय इत्यादि बनाने की हरियाणा सरकार से मांग की है कि जो इन मामलों को चेक बैलेंस कर सके और विदेश जाने वाले बच्चों को पढ़ाई और वर्क परमिट इनके से दे सके, जिससे प्रदेश का रेवेन्यू भी बढ़ेगा और बच्चे भी विदेशों में सुरक्षित पहुंचेंगे। गोयल ने कहा है कि हरियाणा प्रदेश से हजारों की संख्या में बच्चे विदेशों में कामकाज कर रहे हैं और बहुत से लोग कबूतर बाजी का शिकार हो चुके हैं। सरकार के हस्तक्षेप से इस प्रकार के मामलों पर रोक लगानी अति आवश्यक है।

कांग्रेसी शासनकाल में खुलेआम चलता था नौकरियों के लिए खर्ची-पर्ची का खेल
असीम गोयल ने एचपीएससी के मामले पर शोर मचाने वाली कांग्रेस पर भी टिप्पणी करते हुए कहा है कि आज हरियाणा सरकार भ्रष्टाचार के मामलों पर लगातार रोक लगाने के लिए तरह-तरह के सख्त कदम उठा रही है। लेकिन कांग्रेस के समय पर नौकरियों के लिए बोली लगती थी। खर्ची-पर्ची का खेल खुलेआम चल रहा था, लेकिन हरियाणा सरकार ईमानदारी से नौकरी देने के वायदे पर बड़ी बेहतरी से काम कर रही है। साथ ही गोयल ने सदन के पटल पर फिल्म सिटी को लेकर भी सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि हरियाणा खेलों की ओर आगे बढ़ रहा है। हरियाणा की आबो-हवा और हरियाणा की भौगोलिक संरचना का फायदा उठाया जाना चाहिए। इस प्रकार के जो सवाल लगाएं हैं वह लगेंगे या नहीं यह अगली सिटिंग में पता लगेगा।

Content Writer

Shivam