हड़ताल पर आशा, अब कौन पिलाएगा 'दो बूंद जिंदगी की' (VIDEO)

1/28/2018 3:39:52 PM

पलवल(गुरुदत्त गर्ग): आशा वर्करों ने उनके वेतनमान को बढ़ाए जाने की मांग को लेकर अनिश्चिकालीन हड़ताल शुरू कर दी है, जिससे 28 जनवरी से शुरू होने वाले पोलियो अभियान के डगमगा जाने की पूरी संभावना है। आशा वर्करों ने सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है। यदि इनकी मांगें तीन दिन के अंदर नहीं पूरी होती तो तीस जनवरी को पूरे प्रदेश में जेल भरो आंदोलन करेंगी। स्वास्थ्य विभाग के जिला मुख्यालय पर आयोजित सामूहिक हड़ताल में जिले भर की आशा वर्करों ने भाग लिया जिन्हें विभिन्न कर्मचारी यूनियनों का समर्थन मिला।



धरनारत आशा वर्करों की तरफ से जिला प्रधान गीता ने बताया कि उन की प्रमुख मांग 18 हजार मासिक वेतन की है। अभी वह 17 जनवरी से सांकेतिक धरना दे रही थी और अब आज से सामूहिक हड़ताल शुरू कर दी है जो 18 हजार वेतन होने तक जारी रहेगी।



वहीं स्टेट आशा वर्कर यूनियन महासचिव सुरेखा ने बताया कि वर्ष 2005 से आशाओं ने कम करना शुर किया था तब पांच सौ रूपये मानदेय मिलता था। वर्ष 2013 में आन्दोलन के बाद मानदेय तो एक हजार कर दिया गया। लेकिन काम का बोझ बढ़ा दिया गया जबकि महंगाई दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। गैस सिलेंडर जो उस समय साढ़े तीन सौ का मिलता था आज साढ़े आठ सौ का मिलता है।



उन्होंने कहा कि सरकार को स्वास्थ्य में प्रदेश में रिजल्ट चाहिए जो आशाओं ने दिए भी हैं। आशाओं की बदौलत ही प्रदेश का डिलवरी अनुपात 23 प्रतिशत से बढ़कर 73 प्रतिशत और सफल डिलीवरी का अनुपात 38प्रतिशत से बढ़कर 88 प्रतिशत पर पहुंचा दिया है लेकिन वेतन के नाम पर सरकार चुप है। यदि सरकार हमारी नहीं सुनती है तो तीस जनवरी को जेल भरने का काम किया जाएगा।

आशाओं का कहना है कि वे पोलियो अभियान से हटना नहीं चाहती लेकिन सरकार ने उन्हें मजबूर किया है। इसलिए वे पोलियो अभियान में बिल्कुल भाग नही लेंगी।