खेमका ने सी.एम. के निजी स्टाफ के मानदेय पर उठाए सवाल

10/17/2017 3:15:02 PM

चंडीगढ़: हरियाणा के वरिष्ठ आई.ए.एस. अधिकारी अशोक खेमका ने मुख्यमंत्री व मुख्य सचिव को पत्र लिखकर मुख्यमंत्री ऑफिस, आवास, मुख्य सचिव और ए.पी.एस. सी.एम., डी.पी.एस. सी.एम. ओ.एस.डी., राजनीतिक सचिव कार्यालय में प्रतिनियुक्ति पर आए 181 के निजी स्टाफ को दीवाली के मौके पर दिए जाने वाले मानदेय पर सवाल उठाया है। खेमका ने कहा कि यह मानदेय देना न सिर्फ अनैतिक है, बल्कि नियमों के भी खिलाफ है। हरियाणा सिविल सर्विस के चैप्टर पांच के रूल 50 का भी उल्लंघन है क्योंकि मानदेय सिर्फ बहुत ही विशेष काम करने पर मिलता है। वह भी मात्र दो से दस हजार रुपए तक, वह भी सक्षम अधिकारी द्वारा दिया जा सकता है। अंजाम की चिंता किए बिना लिखा खेमका का यह पत्र ब्यूरोक्रेसी में खासा चर्चा का विषय बना हुआ है।

पिछली सरकार में शुरू हुई यह परंपरा
खेमका ने पत्र में लिखा कि मुख्यमंत्री और सी.एस. के कर्मचारियों को एक माह का वेतन मानदेय में देने का काम पिछली सरकार में शुरू हुआ, जो इस सरकार में भी जारी है। इस निर्णय की समीक्षा की जानी चाहिए।

इसलिए हुआ विवाद
इस बार दीवाली के मौके पर प्रतिनियुक्ति पर आए 181 के स्टाफ को एक माह के वेतन के बराबर मानदेय देने के निर्देश सरकार की ओर से दिए गए। कई कर्मचारियों का यह मानदेय 60 हजार रुपए प्रति कर्मचारी तक बन रहा है। यह मानदेय इन कर्मचारियों के विभाग को देना है। खेमका को इस पर कड़ी आपत्ति है। उनका कहना है कि एक तो इन कर्मचारियों को पहले ही अच्छी पोस्टों पर लगा रखा है। उनके लिए वहां काम करना यूं ही सम्मान की बात है। ऐसे में उन्हें मानदेय देना समझ से परे है।