नया सियासी मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं अशोक तंवर!

2/20/2021 11:55:04 AM

चंडीगढ़ (संजय अरोड़ा) : लम्बे समय से हरियाणा की सियासी पिच पर फ्रीलांस राजनीति कर रहे डा. अशोक तंवर अब जल्द ही अपना एक नया मोर्चा बनाने की तैयारी में हैं। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार कांग्रेस से लोकसभा सदस्य, युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके तंवर पहले मोर्चा बनाएंगे और संगठन खड़ा करने के बाद उसे सियासी दल के रूप में स्थापित करेंगे। सूत्रों की मानें तो तंवर की ओर से मोर्चा बनाने की पूरी रणनीति तैयार कर ली गई है और जल्द ही इसकी घोषणा एक बड़े कार्यक्रम के जरिए की जा सकती है।

गौरतलब है कि साल 2019 के विधानसभा चुनाव से कुछ समय पहले सितम्बर 2019 में तंवर को हटाकर कुमारी सैलजा को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी। तंवर पहले से ही कांग्रेस में स्वयं को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। हुड्डा के साथ तीन साल लम्बी लड़ाई चली। ऐसे में तंवर ने कांग्रेस छोडऩे में ही भलाई समझी। अंतत: उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और विधानसभा चुनाव में उन्होंने दर्जन भर सीटों पर अपनी पसंद के उम्मीदवारों का साथ दिया। उसके बाद से तंवर पिछले करीब 17 माह से फ्रीलांस राजनीति कर रहे हैं। किसी दल में वो गए नहीं।

भाजपा, इनैलो में जाने के कयासों के अलावा कांग्रेस में वापसी की चर्चाएं भी निर्मूल साबित हुईं, हालांकि इस दौरान तंवर ने खुद नया क्षेत्रीय दल बनाने का संकेत जरूर कई बार दिया है। सूत्रों की मानें तो  तंवर अब खुद का प्लेटफार्म बनाने की तैयारी में हैं। वे मोर्चा बनाकर प्रदेशभर में अपने कार्यकर्ताओं  को नए सिरे से सियासत में सक्रिय करने की तैयारी में हैं। जानकारी के अनुसार तंवर आगामी एक माह के भीतर ही अपने इस नए प्रस्तावित मोर्चे का किसी भी समय ऐलान कर सकते हैं ।

प्रदेश में पहले बने हैं कई क्षेत्रीय दल
गौरतलब है कि हरियाणा में अनेक क्षेत्रीय दल अस्तित्व में आए हैं। साल 1990 में कांग्रेस से किनारा करके चौ. बंसीलाल ने पहले हरियाणा विकास मंच बनाया और बाद में उसी मंच को हरियाणा विकास पार्टी का नाम देकर नया सियासी दल खड़ा कर लिया। बंसीलाल की हविपा ने साल 1991, 1996 और 2000 के विधानसभा चुनाव लड़े। 1996 में भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई और उसके बाद 2005 के चुनाव से पहले हविपा का विलय कांग्रेस में कर दिया। 2014 के चुनाव से पहले हरियाणा के बड़े राजनेता राव इंद्रजीत सिंह ने कांग्रेस छो?ने के बाद हरियाणा इंसाफ मंच बनाया और बाद में वे स्वयं भाजपा में शामिल हो गए। इससे पहले भी चौ. देवीलाल ने कांग्रेस से किनारा करने के बाद हरियाणा किसान मंच बनाया और बाद में लोकदल। 1998 में इंडियन नैशनल लोकदल अस्तित्व में आया तो साल 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले पूर्व मंत्री गोपाल कांडा ने हलोपा तो पूर्व मंत्री विनोद शर्मा ने हरियाणा जनचेतना कांग्रेस बनाई। भाजपा से बागी होकर 2019 के संसदीय चुनाव से पहले कुरुक्षेत्र के पूर्व सांसद राजकुमार सैनी ने हरियाणा लोकतंत्र सुरक्षा मंच बनाया।     

हरियाणा में ये हैं प्रमुख क्षेत्रीय दल
हरियाणा में फिलहाल इंडियन नैशनल लोकदल, जननायक जनता पार्टी, हरियाणा लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी, हरियाणा लोकहित पार्टी और हरियाणा जनचेतना कांग्रेस प्रमुख क्षेत्रीय दल हैं। इनैलो प्रदेश में कई बार सरकार बना चुकी है तो 2019 के विधानसभा चुनावों से कुछ माह पहले अस्तित्व में आई जजपा ने अक्तूबर 2019 के विधानसभा चुनावों में 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। कुरुक्षेत्र से पूर्व सांसद राजकुमार सैनी की हरियाणा लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी और पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा की हरियाणा जनचेतना कांग्रेस  कोई प्रभावी असर नहीं छोड़ सकी है। वहीं हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा स्वयं 2019 के विधानसभा चुनाव में सिरसा से जीते थे।

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Content Writer

Manisha rana