आतंकी हमले में शहीद CRPF के SI रमेश कुमार गुलिया पंचतत्व में विलीन

6/13/2019 10:03:06 PM

झज्जर (प्रवीण धनखड़): झज्जर के खेड़ी जट गांव के शहीद रमेश गुलिया पंचतत्व में विलीन हो गए। देश के लिए जान न्योछावर करने वाले शहीद रमेश गुलिया को लोगों ने नम आंखों से विदाई दी। राजकीय सम्मान के साथ गांव की श्मशान भूमि में उन्हें अंतिम विदाई दी गई रमेश बड़े बेटे मुखाग्नि दी। इस अवसर पर रोहतक लोकसभा क्षेत्र से सांसद अरविंद शर्मा और कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने भी शहीद को उसकी शहादत पर श्रद्धाजंलि अर्पित की।



कृषि मंत्री ओमप्रकाश धनखड़ ने शहीद के परिवार को एक सरकारी नौकरी और 50 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की साथ ही धनखड़ ने गांव के सरकारी स्कूल का नाम अमर शहीद रमेश गुलिया के नाम पर रखने की सिफारिश करने की बात कही है। वही शहीद रमेश गुलिया के भाई राजेश गुलिया ने सरकार से शहीद के दोनों बेटों को सरकारी नौकरी देने की मांग की है।



रमेश कुमार गुलिया दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए थे। रमेश कुमार गुलिया सीआरपीएफ की 116 बटालियन की ब्रावो कंपनी में एएसआई थे और जल्द की सब इंस्पेक्टर बनने वाले थे। रमेश की शहादत कि सूचना मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। अपने लाल को खोने के दर्द गांव वालों के चेहरे पर नजर आया, लेकिन आंखों में गर्व भी है कि उनके बेटे ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान दी है।



जल्द ही प्रमोट होकर बनने वाले थे सब इंस्पेक्टर
रमेश कुमार गुलिया 14 जनवरी 1990 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। कुश्ती को कबड्डी के शौकीन शहीद एएसआई रमेश कुमार गुलिया उत्तरप्रदेश के रामपुर में हुई ओपन भर्ती से सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। 29 साल की नौकरी में देश की रक्षा करते हुए रमेश कुमार सिपाही से एसएसआई तक पहुंचे और जल्द कि प्रमोट होकर सब इंस्पेक्टर बनने वाले थे। शहीद रमेश के दो छोटे भाई हैं, जिनमे राजेश सीआरपीएफ और संजय हरियाणा पुलिस में सेवा दे रहे हैं। 

शहीद रमेश का पार्थिव शाम के समय उनके पैतृक गांव पहुंचा झज्जर जिले की सीमा पर पहुंचते ही ग्रामीण और झज्जर जिले के लोग शहीद के पार्थिव शरीर को लेने बाढ़सा गांव पहुंचे जहां से उन्हें मोटरसाइकिल और कारों के काफिले के साथ गांव तक लाया गया इस दौरान लोगों ने शहीद रमेश गुलिया अमर रहे और भारत माता की जय के जय कारे भी लगाए गए।

Isha