हरियाणा: सजी राजनीतिक पिच, जाट आरक्षण एवं डेरा हिंसा के बाद विधानसभा चुनाव बड़ी चनौती

9/22/2019 10:12:38 AM

डेस्क( संजय अरोड़ा): हरियाणा में राजनीतिक पिच सज चुकी है और चुनावी मैच का आगाज भी हो चुका है। चुनाव आयोग की ओर से चुनावी अधिसूचना जारी कर दी गई है। 21 अक्तूबर को हरियाणा में 90 विधानसभा सीटों पर चुनाव होने हैं। प्रदेश में इस बार 19 हजार 425 मतदान केंद्रों पर कुल 1 करोड़ 82 लाख 98 हजार 714 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। करीब 22 प्रतिशत मतदान केंद्र संवेदनशील व अति संवेदनशील की श्रेणी में आते हैं।  वर्ष 2014 के चुनावों में 90 विधानसभा सीटों के लिए कुल 16 हजार 244 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इस बार इन मतदान केंद्रों की संख्या 3,181 बढ़ गई है। खास बात यह है कि प्रदेश में जाट आरक्षण एवं डेरा ङ्क्षहसा के बाद होने जा रहे विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से करवाना चुनाव आयोग के लिए एक बड़ी चुनौती है। चुनाव आयोग के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस बार नए मतदाता काफी अहम भूमिका अदा करेंगे। पिछली बार की तुलना में इस बार 19 लाख 94 हजार 942 नए मतदाता हैं। पिछली बार कुल 1 करोड़ 63 लाख 3 हजार 772 मतदाता थे। 
अब मतदाताओं की संख्या करीब 1.83 करोड़ तक पहुंच गई है। चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार इस राज्य में 90 विधानसभा सीटों पर 1 करोड़ 81 लाख 91 हजार 228 सामान्य मतदाता हैं जबकि 1 लाख 7 हजार 486 सॢवस मतदाता हैं। 2014 के विधानसभा चुनाव में कुल 76 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, इस बार प्रदेश में अधिक राजनीतिक दल होने के चलते जहां मतदान प्रतिशत के बढऩे की संभावना है, वहीं इस बार उम्मदीवारों की संख्या भी बढ़ सकती है। पिछली बार भाजपा, इनैलो व कांग्रेस के अलावा हजकां, बसपा व हलोपा जैसे दल मैदान में थे। इस बार इन दलों के अलावा जननायक जनता पार्टी, लोकतंत्र सुरक्षा पार्टी भी तैयारी में हंै। 

पिछली बार कुल 1 करोड़ 63 लाख 3 हजार 742 मतदाताओं में से 1 करोड़ 24 लाख 12 हजार 195 मतदाताओं ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था।र भी दीवाली से पहले मतदान
पिछली बार प्रदेश में 15 अक्तूबर को मतदान हुआ था जबकि चुनावी नतीजे दीपावली से 4 दिन पूर्व 19 अक्तूबर को आए थे और प्रदेश में मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में 26 अक्तूबर को भाजपा की सरकार बनी थी। वर्ष 2014 में 23 अक्तूबर को दीपावली थी। इस बार भी दीपावली से 3 दिन पहले चुनावी नतीजे आ जाएंगे। इस बार 27 अक्तूबर को दीपावली है और 24 अक्तूबर को मतगणना होनी है। जाहिर है कि चुनावी नतीजों के बाद जहां जीतने वाले उम्मीदवारों के लिए दीपावली पर दोहरी खुशियां आएंगी, वहीं हारे हुए चेहरों के लिए यह दीवाली फीकी भी रहने वाली है।

 

Isha