विधानसभा चुनाव: टिकट को लेकर भाजपा में मारामारी, दिग्गजों पर नजर

7/28/2019 10:23:09 AM

पलवल(कुलवीर चौहान): पलवल विधानसभा सीट पर इस बार दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है। पलवल सीट से कांग्रेस के मौजूदा विधायक करण सिंह दलाल को इस बार टक्कर देने के लिए भाजपा, इनेलो और जजपा से कई दावेदार मैदान में खड़े हैं। इन पार्टियों में सबसे ज्यादा टिकट को लेकर मारामारी भाजपा में है। बीते लोकसभा चुनावों में भाजपा की हुई प्रचंड जीत हुई है।  

लेकिन 2014 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी करण सिंह दलाल ने जीत दर्ज की थी, उन्हें 57,423 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रहे भाजपा प्रत्याशी दीपक मंगला को 51,781 वोट मिले थे। तीसरे नंबर पर रहे इनेलो प्रत्याशी सुभाष चौधरी को 32,676 वोट मिल थे। जननायक जनता पार्टी के कई दावेदार टिकट की दौड़ में: इनेलो से टूटकर बनी जननायक जनता पार्टी भी पलवल विधानसभा में पूरी तरह से सक्रिय है। जजपा से जो दावेदार मुख्य रूप से टिकट के लिए सक्रिय हैं, उनमे बिजेंद्र चांदहट, गयालाल चांट, तुहीराम भारद्वाज और पार्टी की महिला जिलाध्यक्ष लता भारद्वाज शामिल हैं।

टिकट को लेकर कई दिग्गज कर रहे दावेदारी
लोकसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत के बाद भाजपा नेताओं के हौंसले बुलंद हैं। इसी को देखते हुए कई दिग्गज भाजपा से टिकट पाने की दौड़ में हैं। भाजपा से जो नाम मुख्य रूप से सामने आ रहे हैं, उन नामों में पिछले चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी रहे और मुख्यमंत्री के राजनैतिक सचिव दीपक मंगला, पूर्व मंत्री और हैफेड चेयरमैन सुभाष कत्याल,  युवा नेता गौरव गौतम और वीरपाल दीक्षित शामिल हैं।

इनेलो में नहीं है कोई हलचल
पिछले चुनाव में तीसरे नंबर पर रही इनेलो की टिकट को लेकर पिछली बार की तरह कोई मारामारी नहीं है, इसका कारण पार्टी में हुई टूट है। हालांकि इसके बावजूद इनेलो से कई नाम सामने आ रहे हैं। इनेलो से मुख्य दावेदारों में जो नाम सामने आ रहे हैं, उनमे पार्टी के लोकसभा प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह चौहान, गिर्राज सिंह डागर, महेंद्र सिंह भड़ाना, अशोक शर्मा और अनीता भारद्वाज शामिल हैं।

पलवल से 5 बार विधायक रह चुके हैं दलाल
कांग्रेस पार्टी से मौजूदा विधायक करण सिंह दलाल का टिकट पका माना जा रहा हैं। उनके अलावा कांग्रेस से इंद्र दलाल, नेत्रपाल अधाना भी टिकट की दौड़ में शामिल हैं। विधायक करण सिंह दलाल इस सीट से 5 बार विधायक रह चुके हैं। दलाल वर्ष 1991 में पहली बार विधायक का चुनाव जीते थे। इसके बाद वह 1996, 2000, 2005 और 2014 में विधायक का चुनाव जीत चुके हैं। वहीं उन्हें वर्ष 2009 में पहली बार हार का समाना करना पड़ा था,  इनेलो के उम्मीदवार सुभाष चौधरी ने उन्हें हराकर सबको चौंका दिया था।

सुभाष चौधरी के कदम पर टिकी नजरें
 वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में करण सिंह दलाल की लगातार हो रही जीत के चक्रव्यूह को तोडऩे वाले सुभाष चौधरी किस पार्टी से मैदान में उतरेंगे, इस पर अभी संशय बना हुआ है। उनके भाजपा में जाने की चर्चाएं हैं। सुभाष चौधरी  ने हाल ही में इनेलो छोडऩे का एलान किया था, 2009 में उन्होंने इनेलो की टिकट पर चुनाव लड़ते हुए करण सिंह दलाल को हराया था।  वहीं 2014 के विधानसभा चुनाव में वह इनेलो की ही टिकट पर मैदान में उतरे थे और तीसरे नंबर पर रहे थे।

Isha