हरियाणा में इस दिन शुरू हो सकता है विधानसभा का सत्र, बिना नेता प्रतिपक्ष के होगा सेशन
punjabkesari.in Sunday, Oct 27, 2024 - 06:43 PM (IST)
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा में विधायकों के शपथ ग्रहण के बाद अब शीतकालीन सत्र अगले महीने के दूसरे सप्ताह के शुरूआत में शुरू हो सकता है। चर्चा है कि यह सत्र दो से तीन दिन का हो सकता है। दिपावली के बाद शुरू होने वाले इस सत्र में कई मुद्दों पर चर्चा होने के साथ ही अंतरिम बजट का प्रारूप भी पेश किया जा सकता है।
बताया जा रहा है कि नवंबर में दिपावली के बाद 8 नवंबर को हरियाणा के शीतकालीन सत्र की शुरूआत हो सकती है। 9 नवंबर को शनिवार और 10 नवंबर को रविवार होने के कारण विधानसभा में दो दिन का अवकाश रहेगा। इसके बाद 11 और 12 नवंबर को फिर से सत्र की बैठके हो सकती है। ऐसे में इस सत्र के 2 से 3 दिन का होने की संभावना जताई जा रही है। सत्र की शुरूआत में राज्यपाल का अभिभाषण होगा। इसके बाद विपक्ष की ओर से इस पर चर्चा की जाएगी। बाद में मुख्यमंत्री की ओर से धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया जाएगा। इसके अलावा अंतरिम बजट के प्रारूप को पेश किया जाएगा, क्योंकि नई सरकार के कामकाज को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार को बजट का प्रावधान रखना होगा।
25 अक्टूबर को दिलाई गई थी विधायकों को शपथ
25 अक्टूबर को हरियाणा की 15वीं विधानसभा के गठन की शुरूआत हुई थी। सबसे पहले प्रोटेम स्पीकर की ओर से सभी विधायकों को शपथ दिलाई गई थी। हालांकि इस दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच प्रोटेम स्पीकर और कार्यवाहक स्पीकर के पद को लेकर बहस भी हुई थी। उस दौरान प्रोटेम स्पीकर के रूप में रघुवीर कादियान ने सभी विधायकों को शपथ दिलाई थी। बाद में हरविंद्र कल्याण को स्पीकर और डॉ. कृष्ण मिड्ढा को डिप्टी स्पीकर बनाया गया था।
कल्याण और मिड्ढा का होगा पहला सत्र
आने वाला विधानसभा अध्यक्ष के रूप में हरविंद्र कल्याण और विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में डॉ. कृष्ण मिड्ढा का यह पहला सत्र होगा। हालांकि हरविंद्र कल्याण और कृष्ण मिड्ढा विधायकी के कार्य में माहिर है। ऐसे में विधायकों को नियंत्रित रखना और खासतौर पर विपक्ष के विधायकों को कंट्रोल करना इनके लिए प्राथमिकता में शामिल होगा।
कल्याण के दादा थे डिप्टी स्पीकर
हरविंद्र कल्याण ने घरौंडा विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार जीत हासिल की है और वे क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे हैं। कल्याण रोड़ बिरादरी से आते हैं। 57 साल के हरविंदर कल्याण ने सिविल इंजीनियरिंग की हुई है। उनके पिता चौधरी देवी सिंह ने चौधरी देवीलाल के साथ सक्रिय राजनीति की और चुनाव भी लड़े। उनके दादा चौधरी मुल्तान सिंह 1966 व 1967 में हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रह चुके हैं।
मनोहर लाल के करीबी हैं हरविंद्र
हरविंद्र कल्याण रोड़ समाज के बड़े नेता हैं। वह कैबिनेट मंत्री मनोहर लाल के नजदीकी माने जाते हैं। जब मनोहर लाल हरियाणा के सीएम बने तब हरविंद्र कल्याण को मंत्री बनाने की मांग उठी थी, लेकिन ये सिरे नहीं चढ़ पाई। इस बार मंत्रिमंडल में हरविंद्र कल्याण को शामिल करने की चर्चाएं थी, उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिली, लेकिन उन्हें हरियाणा विधानसभा का अध्यक्ष बनाया गया है।हरियाणा विधानसभा के सेशन में शायद यह पहला मौका होगा, जब किसी विधानसभा के पहले सत्र की शुरूआत नेता विपक्ष के बिना हो रही है। बीजेपी के बाद कांग्रेस दूसरा सबसे बड़ा दल होने के कारण विपक्ष के लिए मजबूत दावेदार है, लेकिन कांग्रेस की आपसी खिंचतान और चुनाव में अपेक्षा के अनुरूप मिली हार के बावजूद अभी तक नेता विपक्ष के नाम पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। हालांकि कांग्रेस हाई कमान की ओर से नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करने के लिए तीन पर्यवेक्षक नियुक्ति किए थे। पर्यवेक्षक सभी विधायकों की राय जानने के बाद हाई कमान को अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं, लेकिन कांग्रेस हाई कमान महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में व्यस्त होने के कारण अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं ले पाई है। माना जा रहा है कि इस बार हाई कमान भूपेंद्र सिंह हुड्डा के स्थान पर किसी अन्य नेता को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बना सकती है।