असिस्टैंट प्रोफैसर्स भर्ती मामले में हुई सुनवाई, HC ने नियुक्तियों पर लगाई रोक

12/24/2017 10:23:44 AM

चंडीगढ़ (बृजेन्द्र): असिस्टैंट प्रोफैसर्स (हिंदी) के पदों की नियुक्ति प्रक्रिया के विवादों में आने के बाद मामला हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच में पहुंच गया है। राजीव नामक एक कैंडीडेट ने सिंगल बैंच के आदेशों पर सवाल उठाते हुए डिवीजन बैंच में अपील दायर की है। अपील पर सुनवाई करते हुए जस्टिस महेश ग्रोवर और जस्टिस राज शेखर अत्री की डिवीजन बैंच ने पाया कि चयन प्रक्रिया पर शक जताया गया था जिसे लेकर साइबर सैल को जांच के आदेश दिए गए थे। 

डिवीजन बैंच ने अपने आदेशों में कहा कि चयन प्रक्रिया के आधार पर होने वाली नियुक्तियों पर रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट ने 6 फरवरी के लिए हरियाणा सरकार को नोटिस जारी किया है, वहीं साइबर सैल को नोटिस जारी कर जांच तेजी से करने के आदेश दिए हैं। जारी विज्ञापन के तहत असिस्टैंट प्रोफैसर (हिंदी) की जनरल कैटेगरी की 65 पोस्ट थी जबकि कुल पोस्ट 112 थी। याची ने भी इसमें आवेदन कि या था। भिवानी के राजीव ने हरियाणा सरकार, हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन सहित 432 लोगों के खिलाफ यह अपील दायर की है।  सिंगल बैंच द्वारा जुलाई, 2017 के अंतरिम आदेशों में सरकार को नोटिस जारी कर कहा था कि चयन प्रक्रिया जारी रख सकते हैं मगर अंतिम रिजल्ट घोषित न किया जाए। एच.पी.एस.सी. का जवाब सुनने के बाद सिंगल बैंच ने अगस्त में अपने पुराने आदेशों को वापस ले लिया था। 

सिंगल बैंच के आदेशों पर उठाए सवाल
अपील में कहा गया है कि सिंगल बैंच के सामने जानकारी दी गई थी कि परीक्षा में शामिल कैंडीडेट्स की काफी हल्के में तलाशी ली गई थी। जिस स्कूल में परीक्षा हुई उसके प्रिंसिपल ने भी यह बात कही थी। उसके बावजूद सिंगल बैंच ने अंतरिम आदेश वापस ले लिए। इसकी जगह जांच का नतीजा आने का इंतजार करना चाहिए था या सी.बी.आई. को जांच सौंपी जानी चाहिए थी। दून पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल ने पुलिस को जब्त फोन तक दिए थे जिनमें व्हाट्सएप पर सबूत मौजूद थे। 12 सितम्बर को पंचकूला पुलिस ने केस दर्ज किया था। अपील के मुताबिक सिंगल बैंच ने मामले से जुड़े कई अहम तथ्यों पर गौर नहीं किया और केस की गंभीरता के बावजूद सी.बी.आई. जांच की मांग को खारिज करते हुए याचिका का निपटारा कर दिया था।