पैरालिम्पिक में झंडे गाढऩा गीता का लक्ष्य, 5 साल की उम्र में पोलियो से हो गया था आधा शरीर बेकार

9/4/2018 9:12:23 AM

सोनीपत(दीक्षित): अपना शरीर भी साथ न दे तो हौसला आमतौर पर टूट जाता है और जीवन बोझ बनकर रह जाता है लेकिन पुरखास की गीता के बुलंद हौसलों के सामने कोई भी बाधा मानो बेहद बौनी हो गई है। 5 साल की उम्र में पोलियो ने आधे शरीर को बेकार कर दिया था। 

टांगों से पूरी तरह से लाचार होने के बाद अब 32 साल की उम्र में पावर लिफटिंग में खूब धमाल मचा रही है। 2016 में बैंच पै्रस शुरू की और 2018 तक राष्ट्रीय स्तर की 3 प्रतियोगिता में प्रतिभा का लोहा मनवा चुकी गीता 2 मुकाबलों में अव्वल रही तो एक में दूसरे स्थान पर रही। अब लक्ष्य पैरालिम्पिक में पदक जीतने का है। 

गांव में पुरखास निवासी रमेश व उसकी पत्नी गीता दोनों ही पोलियो ग्रस्त हैं और दोनों के ही शरीर का आधा हिस्सा पूरी तरह से निष्क्रिय है। अब तक टेलर का काम कर दोनों पति पत्नी किसी तरह गुजर-बसर कर रहे थे लेकिन 2 साल पहले पैरालिम्पिक खिलाड़ी सुरजीत ने उन्हें सलाह दी कि उन्हें पैरा खेलों में भाग लेना चाहिए। 

सलाह गीता के लिए टॉनिक का काम कर गई और गीता सोनीपत में द्रोणाचार्य जिम के संचालक एवं बैंच पै्रस में द्रोणाचार्य अवार्डी कोच जुगल धवन से मिली। जुगल धवन की देख-रेख में गीता ने अभ्यास शुरू किया और वर्ष 2016 में बैंगलुरु में हुई राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में पहली बार ही हिस्सा लेकर कांस्य पदक जीता। 

इसके बाद अब 2018 में पहले दिल्ली और फिर सोनीपत में हुई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में अव्वल रहकर सभी को चकित कर दिया। गीता का कहना है कि अब वह अपने आप को इस काबिल बनाना चाहती है कि पैरालिम्पिक में पदक जीत सके। 

खेल विभाग कर चुका सम्मानित 
15 अगस्त पर हरियाणा के खेल विभाग ने गीता को प्रमाण-पत्र व एक लाख रुपए का चैक देकर सम्मानित किया था। गीता को इसके अलावा भी कई प्रतियोगिताओं में नकद ईनाम मिल चुका है। 

Rakhi Yadav