'आयुषी ने हरियाणा में कैंडीडेट्स और 2 एजेंट को बेचा था पेपर'

5/27/2018 11:03:54 AM

चंडीगढ़(सुशील): हरियाणा सिविल सर्विस (ज्यूडीशियल) पेपर लीक मामले गिरफ्तार आयुषि ने हिसार-फतेहाबाद में कैंडीडेंट्स को और रोहतक के दो एजेंट्स को पेपर बेचा था। यह खुलासा आयुषि ने एस.आई.टी. के पूछताछ के दौरान किया। पूछताछ में एस.आई.टी. को पता चला कि हिसार के सुशील भाग और फतेहाबाद के तेजिंदर बिश्नोई को दिया था। रोहतक के 2 एजेंट्स जसपाल और मनिंदर को पेपर दिया था, ताकि वो अपने-अपने इलाके से कैंडीडेट्स ला सके।

एस.आई.टी. ने 4 दिन का रिमांड खत्म होने के बाद कांग्रेसी नेता टीटू और आयुषि को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने में पेश किया। अदालत से एस.आई.टी. ने दोनों का 5-5 दिन का पुलिस रिमांड मांगा। पुलिस ने दलील दी है कि कांग्रेसी नेता टीटू और आयुषि जांच में सहयोग नहीं कर रही है। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों को 3-3 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया। बचाव पक्ष की ओर से 2 याचिकाएं दायर की गई। अदालत ने एस.आई.टी. को 29 मई के लिए नोटिस कर जवाब दाखिल करने को कहा है। 

एस.आई.टी. की ओर से पेश हुए डिस्ट्रिक्ट अटार्नी (डी.ए.) राजेंद्र ने अदालत को बताया कि दोनों आरोपियों से पूछताछ में कुछ और तथ्य सामने आए हैं। इसलिए आरोपियों की निशानदेही पर उन्हें गिरफ्तार करना जरूरी है। डी.ए. के अनुसारटीटू ने सुनीता द्वारा दी गई कुछ कैंडीडेट्स की आंसरसीट और पेपर सोलन स्थित अपनी ससुराल में छिपाए हैं। पुलिस को अभी इन कागजात को रिकवरी करनी है। एस.आई.टी. को आयुषि की निशानदेही पर कैंडीडेट्स और एजैंट्स को गिरफ्तार करना है। 

आयुषि को झूठा फंसाया गया : बचाव पक्ष
बचाव पक्ष के वकील मुकेश ने दलील दी कि आयुषि को केस में झूठा फंसाया गया है। एस.आई.टी. द्वारा मामले में दायर चालान में कहीं भी आयुषि का नाम नहीं है। अब उसका नाम कहां से आ गया। याचिका में उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने आयुषि को टार्चर कर उससे खाली पेपर पर साइन करवाए हैं। पुलिस ने इसमें अपने अनुसार उसके बयान दर्ज किए हैं। अदालत ने एस.आई.टी. को जवाब दाखिल करने को कहा है। 

कोर्ट को मिसगाइड करने का आरोप
सुनीता की ओर से पेश वकील जसवीर डडवाल ने याचिका में एस.आई.टी. पर कोर्ट को मिस गाइड करने का आरोप लगाया है। एस.आई.टी. ने टीटू और आयुषि को जेल ले जाकर उनका बलविंदर शर्मा, सुनीता और सुशीला से कन्फ्रंटेशन करवाया है। वहीं एस.आई.टी. ने ऐसा पहले भी करने के लिए  अदालत में याचिका दायर की थी, लेकिन अदालत ने उसे खारिज कर दिया था। एस.आई.टी. ने सुनीता  को जेल में पूछताछ के दौरान टार्चर किया है। डयूटी मजिस्ट्रेट ने एस.आई.टी. को इस पर जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस किया है।'
 

Deepak Paul